शारदा विवि में ग्रीन बौद्धिक सम्पदा व पर्यावरण चुनौती पर सेमिनार का हुआ आयोजन

शारदा विवि में ग्रीन बौद्धिक सम्पदा व पर्यावरण चुनौती पर सेमिनार का हुआ आयोजन

ग्रेटर नोएडा,7 फरवरी। शारदा विश्वविद्यालय में ग्रीन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी और क्लाइमेटचेंज की चुनौतियों पर आनलाइन इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें हवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस विल्सन और दिल्ली हाई कोर्ट की जज जस्टिस प्रतिमा एम सिंह ने आज की चुनौतियों पर चर्चा की और इस संकट से पार पाने के तरीके पर विद्वानों की राय जानी। सेमिनार में 150 से ज्यादा स्कॉलर और टीचर्स ने भाग लिया। स्कूल ऑफ लॉ की ओर से आयोजित सेमिनार में चर्चा हुई कि कैसे वैश्विक गांव हर तरह की आपदाओं से पीड़ित है। जैसे कि जलवायु परिवर्तन, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट आदि। ऐसे वैश्विक मुद्दों को हल करने के लिए समुदायों, देशों और दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए।
इस मौके पर यूएसए के हवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस विल्सन ने कहा कि पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास को अलग कर बात नहीं की जा सकती है। उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम करने और कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले की तारीफ की। दिल्ली हाई कोर्ट की जज जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि पर्यावरण की बेहतरी के क्षेत्र में समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने शौचालय में पानी की ज्यादा खपत पर कहा कि इस पर काम करने की जरूरत है ताकि जितनी आवश्यकता हो उतना ही पानी का इस्तेमाल हो सके। उन्होंने पेटेंट कानून पर भी अपनी राय रखी। इसके बाद दूसरे सत्र में एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कहा कि हम वैश्विक पर्यावरण और मानव जाति के भविष्य के बारे में चिंता करते हुए एक आशापूर्ण भविष्य और सतत विकास के लिए वैश्विक समुदाय के साथ संवाद कर रहे हैं। स्कूल ऑफ लऑ के डीन प्रो. प्रदीप कुलश्रेष्ठ ने कहा कि कार्यक्रम में 150 से ज्यादा शोध पत्र आए। इनमें से कुछ को सामने रखा गया। इस मौके पर प्रो लिपिका शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन कर अतिथियों का आभार जताया।

Spread the love
RELATED ARTICLES