डॉ. सतीश कुमार सिंह 28 साल बाद आईईईई के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने

डॉ. सतीश कुमार सिंह 28 साल बाद आईईईई के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने

ग्रेटर नोएडा,10 फरवरी। 28 वर्ष के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने आईईईई, उत्तर प्रदेश अनुभाग का पहला अध्यक्ष आईआईआईटी इलाहाबाद के डॉ. सतीश कुमार सिंह को चुना है। आईआईटी कानपुर के डॉ. अभिजीत और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. रिहान उपाध्यक्ष, एमएमएम गोरखपुर के डॉ. प्रभाकर सचिव, आईआईटी कानपुर की डॉ. सीमा अवस्थी ट्रेजरार और डब्ल्यूआईटी देहरादून के के.सी. मिश्रा संयुक्त सचिव चुने गए। डॉ. सतीश कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के एक सामान्य परिवार से हैं और वर्तमान में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। आईईईई, उत्तर प्रदेश जिसकी स्थापना 11 मई 1992 को उत्तर प्रदेश में हुई, इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स, संयुक्त राज्य अमेरिका का एक संभाग है। जिसके सभी सदस्यों को आईईईई की कोर कमेटी द्वारा नामित किया जाता था, लेकिन सदस्यों की बड़ी संख्या को देखते हुए पहली बार चुनाव आयोजित किए गए। आईईईई दुनिया का सबसे बड़ा पेशेवर संघ है जो मानवता के लाभ के लिए तकनीकी नवाचार और उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। आईईईई के सदस्य अत्यधिक उद्धृत प्रकाशनों, सम्मेलनों, प्रौद्योगिकी मानकों और व्यावसायिक और शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से वैश्विक समुदाय को प्रेरित करते हैं। दुनिया भर के 139 देशों में आईईईई के 450000 से अधिक सदस्य हैं। आईईईई इंडिया काउंसिल, भारत में आईईईई गतिविधियों का समन्वय करता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य स्थानीय “अनुभागों” की गतिविधियों में सहायता और समन्वय करना है, ताकि पारस्परिक रूप से लाभ हो सके। प्राथमिक उद्देश्य विशेष रूप से वैज्ञानिक और शैक्षिक गतिविधियों में शोधार्थियों को संलग्न करना है ।
इस चुनाव में डॉ. सतीश कुमार सिंह और उनकी टीम के सदस्यों को आईआईटी कानपुर, आईआईटी बनारस, ऍमऍनऍनआईटी इलाहाबाद, ट्रिपलआईटी इलाहाबाद, आईआईटी रुड़की, एनआईटी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों और निजी विश्वविद्यालयों जिनमें प्रमुख रूप से बीबीडी विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, युपीईस, ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय , डीआईटी विश्वविद्यालय तथा अन्य सभी तकनीकी संस्थानों से असाधारण सहयोग मिला। यह जीत इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि पहली बार पूरे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानो के सदस्य और पीएच.डी. छात्र एक मंच पर आए और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी आईईईई सदस्यों के हित में डॉ सतीश कुमार सिंह और उनकी टीम का चुनाव किया।
डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि उनकी पूरी टीम तकनीकी गतिविधियों, सदस्यता, और गुणवत्ता के मामले में अनुभाग को जीवंत बनाने के लिए ऊर्जा भरने की कोशिश करेगी। डॉ. सतीश सिंह ने समाज की बेहतरी के लिए पूरे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान संगठनों को एक मंच पर लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. सिंह के अनुसार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में तकनीकी और बौद्धिक क्षमताएँ बहुत अधिक हैं, और बस जरूरत है तो उन्हें केवल ठीक से उपयोग करने की, और केवल तब ही उत्तर प्रदेश तकनीकी, बौद्धिक, सामाजिक और नैतिक रूप से नेतृत्व कर सकता है।
डॉ सिंह ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी तकनीकी संस्थानों और विश्वविद्यालयों के सभी संकाय सदस्यों और छात्रों को उनके अभूतपूर्व समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। आज इस संबध में ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में भी एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सभी विजयी पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ दी गई। इस अवसर पर एनआईईटी के निदेशक (प्रोजेक्ट & प्लानिंग) प्रवीण पचौरी, जीएल बजाज के डीन स्ट्रेटजी डॉ. शशांक अवस्थी, गलगोटिया के डॉ. अवधेश कुमार, डॉ. विनीत कुमार, एमिटी विश्वविद्यालय के प्रो. विक्रम सिंह, प्रतीक चतुर्वेदी, विनय, एवम् अन्य दर्जनों प्रोफेसरों ने हिस्सा लिया। सभी उपस्थित प्रोफेसरों ने उम्मीद जताई कि अब आईईईई नए प्रोजेक्ट्स एवम् शोध कार्यों को और गति देगी जिससे समाज के सर्वांगीण विकास में सहायता मिलेगी।

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