इनफर्टीलिटी बन रही है कि मूक महामारी- जेपी हॉस्पिटल ने मनाया वर्ल्डआई.वी. एफ डे

Infertility is becoming a silent epidemic - Jaypee Hospital celebrates WorldIV f day

इनफर्टीलिटी है मेडिकल समस्या, विशेष देखभाल एवं सहयोग की ज़रूरत

ग्रेटर नोएडा,25 जुलाई। जेपी हॉस्पिटल ने वर्ल्ड आई.वी.एफ डे का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान इस बात पर ज़ोर दिया गया कि इनफर्टीलिटी एक मेडिकल समस्या है, जिसके लिए विशेष देखभाल एवं सहयोग की ज़रूरत होती है।  इनफर्टीलिटी के चलते महिला गर्भधारण नहीं कर पाती, यह एक जटिल समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। आज यह समस्या भारत में मूक महामारी का रूप ले रही है, देश भर में लाखों दंपति इसका शिकार हैं। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 फीसदी भारतीय दमपतियाँ इस समस्या से जूझ रहे हैं। हालांकि समाज में फैली रूढ़ीवादी अवधारणाओं एवं जागरुकता की कमी के चलते बहुत से लोग इस मामले पर चुप्पी बनाए रखते हैं और चिकित्सक की सहायता लेने से घबराते हैं या इसमें देरी करते हैं। डॉ सोमा सिंह, सीनियर कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ आईवीएफ एण्ड इन्फर्टीलिटी, जेपी हॉस्पिटल ने कहा, ‘‘देश में इनफर्टीलिटी के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं। एक मुख्य कारण है कि शादी में देरी, जिसके चलते महिलाओं के लिए गर्भधारण की सही उम्र निकल जाती है। इसके अलावा यौन संचारी रोगों का बढ़ना भी फर्टीलिटी को प्रभावित करता है। आधुनिक जीवनशैली में शारीरिक व्यायाम की कमी, काम का तनाव और मोटापा भी इनफर्टीलिटी के कारण बन सकते हैं। इसके अलावा पर्यावरण प्रदूषण के कारण भी यह समस्या हो सकती है। दुख की बात तो यह है कि समाज में फैली अवधारणाओं  के चलते अक्सर लोग समय पर इनफर्टीलिटी का उपचार नहीं कराते और वे डॉक्टर के पास जाने से घबराते हैं। निशांतनता (इनफर्टिलिटी) की बढ़ती समस्या को हल करने के लिए इन  सभी कारकों को हल करना तथा मरीज़ों को उचित सहयोग एवं समाधान उपलब्ध कराना बेहद ज़रूरी है।

1978 में पहले आईवीएफ बेबी (लुईस ब्राउन) के जन्म के बाद बहुत से दम्पंतियों  ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। हाल ही में आई.वी.एफ टेकनोलॉजी में हुई नई तरक्की  के चलते फर्टीलिटी उपचार के तरीके भी बदले हैं, इसमें सफलता दर बढ़ी है, मरीज़ों का अनुभव बेहतर हुआ है, साथ ही महिला , पुरुष एवं नवजात शिशु के लिए दुष्प्रभाव की संभावनाएं भी कम हुई हैं। इन विकास कार्यों से प्रजनन तकनीकों में सुधार आया है और विशवभर में परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण जगी है।

निशांतता के साथ इस लड़ाई में दम्पति को सहानुभूति एवं सहयोग की ज़रूरत होती है। निशांतता को मेडिकल समस्या एवं जीवनशैली से जुड़ा कारक मानकर भारत के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। इस विषय पर जागरुकता और उम्मीद बढ़ाकर हम लोगों का माता-पिता बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। तो आइए एकजुट होकर इस दिशा में आगे बढ़े और परिवार की इस नई शुरूआत के बारे में जागरुकता बढ़ाएं।

डॉ. अनिल कुमार, सीओओ जेपी अस्पताल ने कहा कि  जेपी हॉस्पिटल का ‘डिपार्टमेन्ट ऑफ आईवीएफ एण्ड इनफर्टीलिटी’ एक समर्पित विभाग है जो सदैव तत्पर हर दम्पति को एक आधुनिक उपचार प्रदान करने में । टीम में अनुभवी इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और कुशल एम्ब्रियोलोजिस्ट भी सम्मिलित हैं। हम उन्हें इनफर्टीलिटी के उपचार एवं फर्टीलिटी प्रीज़रवेशन सेवाओं की व्यापक रेंज उपलब्ध कराते हैं, इसमें अण्डे और शुक्राणु की फ्रीज़िंग भी शामिल है। इसके अलावा हमारे स्पेशलिस्ट प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली सर्जरी भी करते हैं, जिससे दम्पतियों  के लिए परिवार शुरू करने की संभावना बढ़ जाती है। हम पर भरोसा रखिए हम पूरी सहानुभूतिपूर्ण देखभाल और आधुनिक समाधानों के साथ आपका माता-पिता बनने का सपना साकार करेंगे।

 

 

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