नवाचार और प्रौद्योगिकी प्रबंधन व्यवसाय के भविष्य को आकार देने पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस आयोजित

International conference on innovation and technology shaping the future of management business held

ग्रेटर नोएडा,01 मार्च। केसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एण्ड हायर एजुकेशन के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने नवाचार और प्रौद्योगिकी प्रबंधन व्यवसाय के भविष्य को आकार देना’ पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। इंटरनेशनल कांफ्रेंस के अतिथि अध्यापक डॉ. भास्कर रॉय, उपाध्यक्ष और वैश्विक ऑप्स लीडर, जेनपैक्ट, डॉ शिखा भारद्वाज, अध्यक्ष- ईएक्सई एमबीए  भारतीय प्रबंधन संस्थान संबलपुर, प्रो. वोल्हा रुडकौस्काया, विभागाध्यक्ष, बेलारूस राज्य आर्थिक विश्वविद्यालय, मिन्स्क, बेलारूस और डॉ. अनु विज, एसोसिएट प्रोफेसर और निदेशक मास्टर प्रोग्राम आईएमबीडी, यूएई, दुबई में एम-नॉरमैंडी बिजनेस स्कूल थे।  कांफ्रेंस का प्रारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया और फिर डायरेक्टर प्रॉफ़ डॉक भावना अग्रवाल ने सभी का स्वागत कृति हुए आईएसएसए इंटरनेशनल कांफ्रेंस को आगे बढ़ाया।

डॉ. भास्कर रॉय ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी वह उत्प्रेरक है जो नवाचार को बढ़ावा देती है, चाहे वह नए उत्पादों, सेवाओं या व्यवसाय मॉडल को विकसित करने के माध्यम से हो। जो कंपनियाँ प्रौद्योगिकी के माध्यम से नवाचार को प्राथमिकता देती हैं, वे बाज़ार की बदलती मांगों और व्यवधानों को अपनाते हुए आगे रहती हैं। डॉ. शिखा भारद्वाज ने कहा कि छोटे व्यवसाय के मालिक व्यावसायिक लागत कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं। व्यावसायिक प्रौद्योगिकी रिकॉर्ड रखने, लेखांकन और पैरोल जैसे बैक ऑफिस कार्यों को स्वचालित करने में मदद करती है। व्यवसाय के मालिक संवेदनशील व्यवसाय या उपभोक्ता जानकारी को बनाए रखने के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग भी कर सकते हैं।

प्रो. वोल्हा रुडकौस्काया ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि आज की वैश्वीकृत दुनिया में, व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए लगातार बदलती प्रौद्योगिकी और नवीन समाधानों को अपनाना पड़ता है। डिजिटल परिवर्तन और प्रौद्योगिकी में प्रगति के आगमन के साथ, व्यवसाय अब सीमाओं के पार काम कर सकते हैं और आसानी से व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंच सकते हैं। प्रौद्योगिकी और नवाचार ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है, और उनकी भूमिका लगातार विकसित हो रही है क्योंकि व्यवसाय प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं। आख़री में डॉ. अनु विज ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि व्यवहार में नवाचारों को पेश करके आप बेहतर गुणवत्ता विशेषताओं, गुणवत्ता सेवा, नई उत्पादन प्रक्रियाओं, अधिक कुशल और स्वच्छ (पर्यावरणीय) प्रबंधन प्रणाली, व्यवसाय के बेहतर मॉडल, रोजगार के आधुनिक प्रबंधन तरीकों आदि के साथ उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। कंपनियों और संगठनों के लिए कई कारण हैं नवप्रवर्तन करना, जिसमें शामिल हैं: बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना, नए बाजारों पर कब्ज़ा करना, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना, उत्पादों का चयन करना, पुराने उत्पादों को बदलना, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना आदि।

डायरेक्टर, प्रो. (डॉ.) भावना अग्रवाल ने कहा कि संस्थान ऐसे इंटरनैशनल कॉन्फ़्रेंस का आयोजन करने में समर्थ है और अध्यापकों वह छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है। इंस्टिट्यूट के चेयरमैन  दीपक गुप्ता ने सभी को एक सफल कांफ्रेंस आयोजित करने के लिए बधाई दी और ऑर्गेनाइजिंग टीम की सराहना की।

 

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