ग्रेटर नोएडा। जीएल बजाज संस्थान में नेशनल कॉनक्लेव ऑन रिफार्मस ऑन इंडियन एजुकेशनल सिस्टम थ्रू एनईपी 2020 के आयोजन पर एकत्रित हुए। इस अवसर पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. डी.एस. चौहान, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वहीं ग्रेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में आइआइएससी बैंगलोर के प्रो. एन.सी. शिवप्रकाश तथा यूजीसी मेम्बर प्रो. सुषमा यादव ने शिरकत की। कार्यक्रम के शुरूआत में उपस्थित जन का स्वागत करते हुए संस्थान के वाईस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कहा कि वह कोई देश हो या संस्थान अगर वह दुनिया में हो रहे बदलाव के साथ खुद को नहीं बदलता तो जल्दी ही प्रतियोगिता के बाहर हो जाता है। इसीलिए आवश्यक है कि हम बदलाव के साथ कदमताल मिलायें। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में टेक्नॉलॉजी क्षेत्र में हुए बदलावों के कारण जल्द ही बहुत सारे रोजगार मशीनों द्वारा छिन लिए जाएंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.डी. एस. चौहान ने अपने व्याख्यान से उपस्थित जन का ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ज्यादातर सभी संस्थान ऑटोनॉमस होंगे तथा अफिलिएटिंग बॉडिज धीरे-धीरे समाप्त हो जाऐंगी। इसी के साथ नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को समग्र विकास का बेहतर मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी का उद्देश्य छात्रों में एन्टरप्रिन्योर स्कील का विकास करना भी है। यही कार्यक्रम के की नोट स्पीकर डॉ. असीर वर्धम आचार्य मेम्बर इन नेशनल कॉरिडिनेटर डाक्यूमेंटेशन एण्ड लाईबेरी, भाजपा ने अपने वक्तव्य में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर विस्तार पूर्वक चर्चा की उन्होंने कहा 1986 के 34 साल बाद यह पॉलिसी आई है। और इसका मुख्य उद्देश्य स्कूली तथा उच्च शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाना है, उन्होंने कहा कि इस तरह की शिक्षा हर मानव को उसके उच्चतम मानसिक स्तर पर पहुंचाने का एक सटीक प्रयास है। यहीं गेस्ट ऑफ ऑनर प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि मानव मुख्य रूप से एक सामाजिक प्राणि है तथा यह अत्यंत आवश्यक है कि उसके अन्दर भावनाओं का सम्पूर्ण विकास किया जाय।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रो. एन.सी. शिवप्रकाश आईआईएससी बैंगलोर ने कहा कि एनईपी शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति के रूप में आएगा। हालांकि इसका पूर्ण विकास होने में अगले 15 से 20 साल लग जाएंगे, लेकिन यह सही समय पर उठाया गया एक आवश्यक कदम है। कार्यक्रम में बोलते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि इस कॉनक्लेव का उद्देश्य प्रवक्ताओं तथा छात्रों को नई शिक्षा नीति से रूबरू करवाना है क्योंकि मुख्य रूप से यही वे लोग हैं जो इस नीति को कार्यकारी रूप देंगे। उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव संस्थान को नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्लान ऑफ एक्शन बनाने में भी मदद करेगा। कार्यक्रम के अंत में शशांक अवस्थी, डीन स्ट्रेटजी नें धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने एमएमएमयूटी गोरखपुर, एनआईआईआईटी कोलकता तथा कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, बैंगलूरू का भी इस कॉन्क्लेव को संयुक्त रूप से आयोजन करने के लिए धन्यवाद किया।
जीएल बजाज संस्थान में किया गया नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 पर किया गया नेशलन कॉनक्लेव का आयोजन
