एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा में आयोजित हुआ “नदी को जानो” कार्यक्रम

नर्मदा मिशन के संयोजक पूज्य संत समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार ने युवाओं को किया प्रेरित
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में यूजीसी तथा एआईसीटीई के द्वारा प्रायोजित “नदी को जानो” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नर्मदा मिशन के संयोजक पूज्य संत समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर गंगा विचार मंच,राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. भरत पाठक, संस्थान के महानिदेशक प्रवीण सोनेजा, निदेशक डॉ. विनोद एम कापसे, निदेशक (परि.एवं नियो.) डॉ. प्रवीण पचौरी, कुलसचिव डॉ. के.पी. सिंह, डींस, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। एनआईईटी के निदेशक डॉ. विनोद एम कापसे ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। निदेशक परियोजना डॉ. प्रवीण पचौरी ने अपने उद्बोधन में नदियों के महत्त्व एवं मानव जीवन में उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। नर्मदा मिशन के संयोजक पूज्य संत समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार ने माँ नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सत्याग्रह किया है और पिछले 425 दिन से अन्न त्यागकर केवल जल पर ही आश्रित रहकर नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन के बीड़ा उठाया हुआ है। समर्थ सद्गुरु ने अपने प्रबोधन में कहा कि भारत की युवा शक्ति ही पुरानी नींव पर नए भारत का निर्माण करेगी। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि आप भी अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकाल कर प्रकृति के संरक्षण के लिए न केवल जागृति पैदा करें, बल्कि स्वयं भी इस पुण्य कार्य में सहभागी बनें। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकृति के अस्तित्त्व से ही हमारा अस्तित्त्व है। नदियों का मानव जीवन में अमूल्य योगदान है। हमें बड़े यत्न से नदियों की रक्षा करनी होगी क्योंकि नदियों के प्रवाह से ही मानव जीवन का प्रवाह है। एनआईईटी के म्यूज़िक क्लब के विद्यार्थिओं हर्षित, तनुश्री, साहिल, मानस, सचिन, ओशो आदि ने नदी तथा वृक्ष संरक्षण पर मनमोहक संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम की सभी ने सराहना की। पूज्य संत समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार ने एनआईईटी परिसर में वृक्षारोपण किया तथा विद्यार्थियों से कहा कि पौधों का पोषण एवं संवर्धन भी सुनिश्चित करें। कार्यक्रम के अंत में एनआईईटी के कुलसचिव डॉ. के. पी. सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो हर्ष अवस्थी ने किया।

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