-शहर के साथ गांवों में तेजी से बढ़ रही है मधुमेह की बीमारी, जीवन शैली में बदलाव नहीं हुआ तो स्थिति बहुत ही चिन्ताजनक होगी
ग्रेटर नोएडा,27 अगस्त। भारत में मधुमेह (डायबिटीज) की बढ़ती संख्या चिन्ता का विषय बन गया है, इसके चपेट में आज के युवा तेजी से आ रहे हैं। विषेशज्ञों का मानना है कि समय रहते युवा वर्ग अपने जीवन शैली में बदलाव नहीं किया तो स्थिति बहुत ही खराब हो सकती है। भारत में मधुमेह बीमारी से बचने के लिए इन दिनों इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) के अध्यक्ष डॉ. पीटर श्वार्ट्ज दौरे पर हैं। मंगलवार को सेन्टर फॉर डायबिटीज केयर ग्रेटर नोएडा में डॉ. पीटर श्वार्ट्ज, डॉ. अनुज महेश्वरी और सेन्टर फॉर डायबिटीज केयर के डॉ. अमित गुप्ता ने मधुमेह देखभाल में हालिया प्रगति और नवीनतम उपचार रणनीतियों पर अपने विचार साझा किया। गांवों में बढ़ रही डायबिटीज की बीमारी को नियंत्रित करने लिए इस अभियान को देशभर में चलाया जा रहा है, जिसके तहत घरवरा गांव जिले का पहला गांव बन गया है, जिसे डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए गोद लिया गया है। डॉ. पीटर श्वार्ट्ज ने घरबरा गांव का दौरा किया और लोगों से बात की, इसी साथ फादर एग्नल स्कूल में बच्चों बातचीतकर बताया कि आज का युवा वर्ग कैसे डायबिटीज के चपेट में आ रहा है और कैसे बचा जा सकता है।
डा. पीटर श्वार्ट्ज ने कहा कि डायबिटीज से बचना है तो भागना सीखें, भारत डायबिटीज की राजधानी बनी हुई है। आज भारत में 235 मिलियन डायबिटीज के मरीज हैं। डायबिटीज से बचने के लिए अपने जीवन शैली में सुधार करना होगा। आरएसएसडीआइ के गवर्नर एसीपी इंडिया चैप्टर डा. अनुज माहेश्वरी ने कहा कि आज जिस तरह से डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं उसका मुख्य कारण लोगों के जीवन शैली में बदलाव है। लोगों को फिर से अपनी पुरानी पद्धति को अपनाना होगा। लोगों में शारीरिक श्रम खत्म हो गया है, खान-पान में शुगर की मात्रा अधिक शामिल है, आखिर शरीर पर असर तो पड़ेगा ही। आज गांव भी शहरी करण की तरफ बढ़ रहा है। पहले यह बीमारी शहरी क्षेत्र में थी, अब यह ग्रामीण इलाकों में फैल रही है। गांव में अब फास्ट फूड का सेवन बढ़ गया है, वहीं खेती में उपकरणों का प्रयोग बढ़ने से शारीरिक गतिविधियों कम हो गई है। उत्तर प्रदेश की 18 प्रतिशत आबादी प्री-डायबिटीज चरण में है। पिछले दो दशकों में भारत में टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस में वृद्धि देखी गई है। स्वास्थ्य रहने के लिए लिए डिजिटल डिटाक्स की भी जरुरते है, मोबाइल व सोशल मीडिया से भी दूरी बनाने की जरुरत है। आज के दिन में सोशल मीडिया भी लोगों को बीमार बना रही है।