Gbu में धूमधाम से मनाया गया 72वाँ गणतंत्र दिवस

ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में ७२वाँ गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के लगभग सभी अधिष्ठाता, शिक्षक, कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों के साथ साथ विश्वविद्यालय में रह रहे शोधार्थियों ने भी प्रतिभाग किया। समारोह में प्रतिभाग करने आए सभी लोगों ने मास्क एवं सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए अपनी सहभागिता दी। यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि यह गणतंत्र दिवस कोविड लॉक्डाउन लगाने के बाद पहली गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन हुआ और सभी ने कोविड सम्बंधित दिशानिर्देश के अंतर्गत इसमें सहभागिता की और इसके सफल आयोजन में योगदान दिया।

समारोह का संचालन डॉ सुभोजीत बनर्जी, मुख्य छात्रावास अभिरक्षक ने किया। उन्होंने ने गणतंत्र दिवस और उससे सम्बंधित बिंदुओं पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात् माननीय कुलपति प्रो भगवती प्रकाश शर्मा ने झंडोत्तोलन के उपरांत अपने अध्यक्षीय अभिभाषण में विगत वर्षों में विश्वविद्यालय में हुए कार्यों का ज़िक्र करते हुए विगत वर्षों में भारत सरकार द्वारा लिए गए कुछ मुख्य कार्यों पर प्रकाश डाला। उनके अभिभाषण की चार मुख्य बातें थी जो निम्न हैं।
सर्वप्रथम उन्होंने कश्मीर मुद्दा खाश कर सरकार द्वारा धारा ३७० अर्थात् कश्मीर के विशेष अधिकार और उनके उन्मूलन प्रकाश डालते हुए उससे हुए आधारभूत बदलाव की चर्चा की।
आगे प्रो शर्मा ने आत्मनिर्भर भारत और उससे होने वाली उपलब्धियों पर बात कि जैसे अत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का अर्थ है विनिर्माण क्षेत्र में अप्रत्यक्ष विकास को बढ़ावा देना और निर्यात को बढ़ाना ताकि सीएडी(वर्तमान में आयात निर्यात घाटे को कम करना) और भारतीय उधयोग और मुद्रा को मजबूती प्रदान करना और रोजगार को बढ़ावा मिलना आदि बिंदुओं पर प्रकाश डाला तथा साथ ही आत्मनिर्भर भारत जैसे प्रयास को सराहा। फिर उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ पुरातन काल से आधुनिक सभ्यता के लिए सदियों पुरानी सभ्यता को दिखाने वाले तथ्यों की पुरातात्विक एवं साहित्यिक साक्ष्यों पर प्रकाश डाला और भारतीय प्राचीन धारणाओं की उपयोगिता और इसे आज की संदर्भ में प्रामाणिकता साबित करने के लिए शिक्षकों एवं शोधार्थियों को शोध के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने विश्व व्यापार संगठन और इसके विवाद निपटान अदालत की भूमिका को कम करना और पिछले एक साल से महामारी के कारण रिवर्स ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत ने अपच प्रौद्योगिकी के विकास पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत और इससे अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उपयोगी बनाने पर ज़ोर दिया। भारत में विकसित हमारे संसाधनों और कच्चे माल का उपयोग करने के लिए कुछ शर्तों के साथ विदेशी पूंजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश को बढ़ावा देना ताकि एमएसएमई में वृद्धि हो सके।

कुलपति के व्याख्यान के पश्चात विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने अपने धन्यवाद ज्ञापन अभिभाषण में सभी को समारोह में धन्यवाद देते हुए समाईं में उपस्थित प्रतिभागियों को बताया की किस प्रकार कोविड महामारी और लाक्डाउन के बावजूद भी विश्वविद्यालय ने इस शैक्षिक सत्र में भी अच्छी संख्या में छात्रों को प्रवेश दिया और आज विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या पाँच हज़ार के लगभग हो गयी है और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति को बधाई दी और साथ ही प्रवेश समिति अथक प्रकाश के लिए इस समिति के सभी सदस्यों को भी बधाई दी। गणतंत्र दिवस समारोह का समापन मिष्ठान वितरण के साथ हुआ!
कार्यक्रम ऑफ़्लाइन के साथ साथ ऑनलाइन भी आयोजित की गयी थी और इस ऑनलाइन प्रसारण की देख रेख डॉ संदीप राणा की दिशानिर्देश में सफलतापूर्वक गयी!

कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वेक अन्य लोग थे प्रो एनपी मलकानिया, प्रो पीके यादव, प्रो संजय शर्मा, डॉ मनमोहन सिंह सिशोदिया, डॉ विवेक मिश्रा, डॉ प्रदीप तोमर, डॉ राकेश श्रीवास्तव, डॉ ओम् प्रकाश, डॉ चंद्रशेखर पासवान, डॉ विक्रांत नैन, डॉ केके द्विवेदी, डॉ विदुषी शर्मा, डॉ प्रदीप यादव, डॉ नागेंद्र सिंह, डॉ अमित अवस्थी, डॉ अमित उजलायन, इत्यादि।

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