नव प्रवेशित फार्मेसी के विद्यार्थियों को स्वास्थ्य प्रणालियों के सिखाए गुर, 20  शिक्षकों को रिसर्च एक्सेलन्स अवार्ड से नवाजा

Taught the tricks of health systems to newly admitted pharmacy students, 20 teachers were awarded Research Excellence Award

ग्रेटर नोएडा। नॉलेज पार्क-2  स्थित लायड  ग्रुप ऑफ़  इंस्टीटूशन्स ( फार्मेसी ) में  बी. फार्मा प्रथम  वर्ष  में  दाखिला लेने वाले सभी नए छात्रों  के लिए शनिवार को ओरिएंटेशन कार्यक्रम ‘प्रारम्भ’ का  आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रो. के. खार बी.एस. अनंगपुरिया एजुकेशनल इंस्टिट्यूट (पूर्व  डीन जामिया हमदर्द), गेस्ट ऑफ़ आनर डॉ. जय प्रकाश, सीनियर साइंटिफिक अफसर, इंडियन फार्मोकोपिया कमीशन मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एण्ड फेमिली वेलफेयर भारत सरकार, डॉ. उमा भंडारी, प्रोफेसर जामिया हमदर्द ,लायड ग्रुप के प्रेसिडेंट मनोहर थैरानी और लायड ग्रुप की समूह निदेशिका डॉ. वंदना अरोरा सेठी ने दीप प्रज्जवलित करके किया गया।  इस अवसर पर देश के बहुप्रतिष्ठित दवा कम्पनियों के विशेषज्ञ  राजेश अग्रवाल जी.एम. मोदी मुंडी फार्मा प्रा.लिमिटेड, सुनीता नारंग, रेगुलेटरी कंसलटेंट, नीतू मंगला, ग्लोबल रेगुलेटरी प्रोफेशनल जी.इ. हेल्थ केयर, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी और विद्यार्थी मौजूद थे। इस दौरान विद्यार्थियों ने जमकर कार्यक्रम का आनन्द उठाया। इस अवसर पर लॉयड इंस्टिट्यूट की  ग्रुप डायरेक्टर वंदना अरोरा सेठी ने प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ज़िन्दगी में चार बड़े तूफ़ान आपके दिए (सपने) को बुझाने की कोशिश करेंगेI इनसे बचना बहुत ज़रूरी है, ये हैं निराशा, कुंठा, अन्याय और जीवन में कोई उद्देश्य ना होना। आप इनको टाल नहीं सकते, मानसून की तरह ये भी आपके जीवन में बार-बार आते रहेंगे। आपको बस अपना रेनकोट तैयार रखना है, ताकि आपके अन्दर कि चिंगारी बुझने ना पाए। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि “फार्मा और उससे संबंधित उद्योगों का भविष्य उज्ज्वल है लेकिन चुनौतियां भी हैं। उन्होंने भारतीय फार्मा उद्योग का महत्व बताते हुए ब्राज़ील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो की उस लाइन का उल्लेख किया” जिसमें कोवि वैक्सीन और हाइड्रोक्लोरोक्वीन को संजीवनी बूटी से तुलना करते हुए भारत का करोना के समय में सभी देशों की मदद के अंतराष्ट्रीय योगदान को सराहा था। विश्व स्तर पर काम करने की जरूरत है, ताकि यह फार्मा उद्योग के लिए मददगार हो।

इस  अवसर पर मुख्य अतिथि ने जोर दिया कि छात्रों को अपने तकनीकी कौशल को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि “पहले भारतीय फार्मा इंडस्ट्री डिलिवरी पर फोकस करती रही है, लेकिन अब इनोवेशन पर ध्यान दिया जा रहा है इसलिए स्पेशलिस्ट बनना और तकनीक पर पकड़ बनानी चाहिए। इस मौके पर शैक्षणिक और अनुसंधान इको-सिस्टम को मजबूत करने और शिक्षकों को बेहतर शोध कार्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 20  शिक्षकों को 40 प्रतिशत पेटेंट पब्लिश करने, 70 से ज्यादा एससीआई/स्कोपस रिसर्च पेपर के लिए “रिसर्च  एक्सीलेंस अवॉर्ड “से नवाज़ा गया।

जैसा कि परंपरा है, समारोह में  नए छात्रों को फार्मासिस्टओथ (शपथ) दिलाई गयी और  प्रथम वर्ष के छात्रों को लैब कोट सेरेमनी में सफेद कोट दिया गया। देश के बहुप्रतिष्ठित दवा कम्पनियों के विशेषज्ञों ने पैनल डिस्कशन ‘फार्मेसी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाना में कहा कि “भारत दुनिया के 200 से अधिक देशों को दवाओं की आपूर्ति करता है। भारतीय फार्मा उद्योग वर्तमान में 49 बिलियन डॉलर का है और यह दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा फार्मा उद्योग है। भारतीय फार्मा उद्योग के 2030 तक 130 अरब डॉलर तक बढ़ने कि  संभावना है।” इसलिए शुरू में जॉब में पैकेज नहीं देखना चाहिए जितना मौका मिले लर्निंग और तकनीक सीखने पर जोर देना चाहिए ।

कार्यक्रम  का समापन ‘ जीपैट ‘ परीक्षा में हुनर और हौसले के दम पर अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए 14 विद्यार्थियों को ‘जीपैटअचीवर्स अवॉर्ड’ , जिसमें  आठवें सेमेस्टर की रिया शर्मा 99.8 एनटीए स्कोर के साथ 130 ऑल इंडिया रैंकिंग इसके अतिरिक्त बाकी विद्यार्थी सचिन पटेल (99.4 परसेंटाइल), मोहम्मद आकिल (99.36 परसेंटाइल), इल्मा आलम (97.5 परसेंटाइल), संदीप और नयना (97.3 परसेंटाइल), मोहम्मद जुनेद (96.6 परसेंटाइल), स्तुति गुप्ता (96.5 परसेंटाइल) आदि विद्यार्थियों को  प्रदान किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के परम्परागत पाठ्यक्रम में फार्मा का क्षेत्र विशिष्ठ होता जा रहा है|  वर्तमान में तकनिकी का उपयोग और अनुसन्धान ने इसकी प्रसंगिगकता को ओर बढ़ा दिया है बदलते परिवेश में कोर्स की व्यवहारिकता को समझना और कौशलयुक्त युवाओं को तैयार करना लॉयड ग्रुप की प्रथम प्राथमिकता है और ओरिएंटेशन कार्यक्रम ‘प्रारम्भ’ इसका उदहारण है।

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