कैंसर की बीमारी दूर करने में दंत चिकित्सकों के योगदान पर आईटीएस डेंटल कॉलेज में कार्यशाला

Workshop at ITS Dental College on contribution of dentists in curing cancer

‘‘कैंसर के प्रारम्भिक लक्षणों की पहचान करने में दंत चिकित्सकों का महत्वपूर्ण योगदान’’- डॉ. अंशुमन

ग्रेटर नोएडा। आईटीएस डेंटल कॉलेज में कैंसर की रोकथाम हेतु दंत चिकित्सकों की भूमिका एवं योगदान हेतु एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें संस्थान के सभी दंत चिकित्सकों, यूजी-पीजी के छात्रों सहित दिल्ली एनसीआर के विभिन्न कॉलेजों से लगभग 150 से अधिक छात्रों एवं दंत चिकित्सकों ने भाग लिया। इस अवसर पर धर्मशाला नारायना सुपर स्पेशयल्टी हॉस्पिटल, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. अंशुमन कुमार ने सभी छात्रों एवं दंत चिकित्सकों  को सम्बोधित करते हुए बताया कि भारतवर्ष में दिन-प्रतिदिन कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तथा कैंसर के इलाज हेतु भातरवर्ष में चिकित्सकों की संख्या बहुत कम है। ऐसे में अगर कैंसर के मरीजों की पहचान जल्द से जल्द कर ली जाए तो लाखों मरीजों की जान बचाई जा सकती है।

डॉ. अंशुमन ने सभा में उपस्थित दंत चिकित्सकों एवं छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दांत के मरीज के इलाज हेतु जो भी मरीज उनके पास आते हैं उन सभी मरीजों के मुख की जांच अवश्य करें तथा यदि कैंसर के प्रारम्भिक लक्षण जैसे छाला पडना, गले या मुख में लगातार जलन बने रहना, मुख या गले में गांठ का होना आदि पाया जाये तो उनको तुरंत कैंसर के डॉ. से मिलने की सलाह दें जिससे उसका तुरंत इलाज हो सके। इस अवसर पर संस्थान के ओरल मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मनीषा लखनपाल ने बताया कि संस्थान पहले से ही कैंसर की रोकथाम हेतु इलाज के लिये आने वाले मरीजों को जागरूक करता रहता है। संस्थान के सभी चिकित्सक उपचार के दौरान मरीजों को धूम्रपान, बीडी, गुटखा, सिगरेट का सेवन न करने की सलाह देते हैं तथा मुख की जांच की सभी प्रकार की सुविधा संस्थान में उपलब्ध है। इस अवसर पर आई0 टी0 एस0 – द एजूकेशन ग्रुप के उपाध्यक्ष सोहिल चडढा ने इस तरह की कार्यशाला की सराहना की तथा इसके सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।

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