ग्रेटर नोएडा,29 मई। गलगोटियाज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर और स्कूल ऑफ बेसिक एण्ड एप्लाइड साइंसेज के तत्वाधान में संयुक्त रूप से चल रहे ऑनलाइन साप्ताहिक वेबिनार व्याख्यान श्रृंखला के पाँचवें दिन कोविड-19 के प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता पर हो रहे प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की गयी। यह व्याख्यान श्रृंखला कोविड-19 पर एक सूचनात्मक और इंटरैक्टिव सेमिनार है।
भारतीय दूर संचार संस्थान (इसरो) देहरादून के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.पी.एस. कुशवाहा ने प्रसिद्ध एवमं सम्मानित वक्ता के रूप में कृषि पर कोविड-19 महामारी के निहितार्थ निश्चित वास्तविक, शैक्षिक और परिचित रूप से सभी प्रतिभागियों के लिए ज्ञानवर्धक अभि-भाषण देते हुए भारतीय कृषि प्रणाली के साथ-साथ ग्रामीण कृषि प्रणाली, भारतीय कृषि में प्रगति, भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्रों की भूमिका, श्रम बल प्रवासन, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, मशीनों की भूमिका के कारण वैश्विक आर्थिक प्रभावों को अच्छी तरह से स्पष्ट किया। डॉ. कुशवाहा ने कृषि क्षेत्र, शमन उपाय, ऐतिहासिक कृषि आंकड़ों का डिजिटलीकरण, कृषि और उपग्रह सूचनाओं में सुदूर संवेदन की भूमिका आदि पर भी अपने ज्ञान और अनुभव का प्रकाश डाला। वेबिनार में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. प्रिति बजाज ने व्याख्यान श्रृंखला को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी जागरूकता और कृषि शिक्षा के रूप में वेबिनार बहुत अधिक जानकारीपूर्ण और संवादात्मक था। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के बेसिक एण्ड एप्लाइड साइंसेज के विभाग अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार जैन एवमं कृषि विभाग अध्यक्ष गणेश भट्ट और अन्य प्रतिभागी मौजूद रहे।