एनआईयू के प्रिंसिपल मीट में अनुकूलनशीलता, शिक्षा के भविष्य  पर दिया गया जोर

Adaptability, the future of education, emphasized in NIU's principal meet

ग्रेटर नोएडा,24 जुलाई(देशबन्धु)। नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एनआईयू) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 से संबंधित शिक्षा में अनुकूलन क्षमता के महत्व को उजागर करने के लिए विश्वविद्यालय के परिसर में ‘प्रिंसिपल्स मीट 2022’ का आयोजन किया। कार्यक्रम में चर्चा का केंद्र ज्ञान का प्रसार था जो न केवल छात्रो को कुशल ही नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान भी बनाता है। इस कार्यक्रम में दिल्ली/एनसीआर के विभिन्न स्कूलों के 150 से अधिक प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया। डॉ. रणवीर सिंह तोमर, जॉइंट सेक्रेटरी, सीबीएसई और रीजनल ऑफिसर, कर्नाटक (मुख्य अतिथि), प्रोफेसर (डॉ.) विक्रम सिंह, चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, प्रोफेसर (डॉ.) उमा भारद्वाज, वाइस चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी और प्रोफेसर (डॉ.) परसंजीत कुमार, प्रोफेसर वाइस चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने अपनी उपस्थिति के साथ कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। डॉ. रणवीर सिंह तोमर ने इस बैठक में भाग लेने के लिए सभी प्रधानाध्यापकों का आभार व्यक्त किया, वो भी उस दिन जिस दिन 12 वीं कक्षा के सीबीएसई परिणाम घोषित किए गए। उन्होंने कहा कि स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता के बीच के अंतर को भरना अनिवार्य है। प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एनईपी 2020 के अनुसार छात्रों को स्कूलों में ही शिक्षित और ट्रेन किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय भाषा- हिंदी को महत्व देने पर भी जोर दिया”।

बैठक में सभी प्राचार्यों और पैनलिस्टों को संबोधित करते हुए, प्रोफेसर (डॉ) विक्रम सिंह, चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने भारत में शिक्षा की वर्तमान स्थिति के मानचित्रण के महत्व पर जोर दिया ताकि उसी के अनुसार भविष्य का निर्माण किया जा सके। प्रोफेसर (डॉ) उमा भारद्वाज, वाइस चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने सभी प्राचार्यों का स्वागत किया। अनुशासन, मूल्यों और मानसिक स्वास्थ्य पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “जीवन में अनुशासित होना महत्वपूर्ण है और हमारे माता-पिता और शिक्षक इस आदत को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चे अपने माता-पिता से ही मूल्य और नैतिकता सीखते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने से हमारी शिक्षा प्रणाली मजबूत होगी। एनईपी 2020 के अनुसार, छात्रों को अब मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएंगे। एक बार जब छात्र स्कूल से पास हो जाते हैं, तो कॉलेज के वातावरण में ढलने होने में परेशानी होती है। हमे वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा का नक्शा तैयार करने की आवश्यकता है। इसे सुनिश्चित करने के लिए हम ब्रिज कोर्स और काउंसलिंग सेशन शुरू करेंगे। इससे छात्रों को कॉलेज में शामिल होने से पहले यह पता चल जाएगा कि वे किस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। हम सभी प्रधानाध्यापकों को एनआईयू के साथ सहयोग करने और छात्रों को ऐसी सुविधाएं प्रदान करने का निमंत्रण देना चाहते हैं ताकि वे अपने पेशेवर करियर में सफल हो सकें।

“प्राथमिक, मिडिल स्कूल और सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिक्षा छात्रों की उच्च शिक्षा की यात्रा को बुनती है और व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह से छात्रों का विकास करती है। छात्रों को प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रमों और कार्यशालाओं को सुनिश्चित करने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों का यह दायित्व है कि वे छात्रों के व्यक्तित्व का निर्माण इस प्रकार करें कि वे भविष्य में भावनात्मक रूप से स्थिर, मेहनती और जिम्मेदार नागरिक बनें,” प्रोफेसर (डॉ) परसंजीत कुमार, प्रो वाइस चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने कहा। डॉ मुकेश पाराशर, रजिस्ट्रार, नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ने कहा, “छात्रों को उनकी योग्यता और दृष्टिकोण के अनुसार सही प्रकार के पाठ्यक्रमों और कॉलेजों के साथ मार्गदर्शन करना महत्वपूर्ण है और एनईपी 2020 इसे सुनिश्चित करेगा। एनईपी 2020 छात्रों को अनुभव आधारित शिक्षा प्रदान करेगा। एनआईयू का उद्देश्य सभी शिक्षकों और छात्रों को एनईपी के लाभों के बारे में बताना है की कैसे एनईपी छात्रों के समग्र विकास में मदद करेगा।

 

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