बैक्सन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज व गौतमबुद्ध विवि मिलकर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति करेंगे काम

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ग्रेटर नोएडा। मनोविज्ञान एवं मानसिक विभाग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान और विकास विभाग, वैक्सन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ग्रेटर नोएडा के संयुक्त तत्वाधान में मानसिक रोग से सम्बन्धित शांतियाँ एवं स्टीगमा के विषय पर एक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण के आयोजन का उद्देश्य संयुक्तरूप से संचालित एक प्रोजेक्ट से जुड़े ये सभी कर्मियों को प्रशिक्षित करना था। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से दोनों संस्थाओं द्वारा संयुक्तरूप से एक मनोविज्ञानिक मापनी को विकसित किया गया है, जिसके द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भांतियाँ एवं स्टिगमा के स्तर का अध्ययन किया जायेगा। इस अध्ययन के फलस्वरूप हमें इस बात की जानकारी मिल सकती है कि आज के आधुनिक विज्ञान के युग में हमारे समाज में कितने तिशत लोगों को मानसिक रोग से सम्बन्धित भांतियां एवं स्टीगमा से जुड़े विचार होते है। उपरोक्त आंकलन के आधार पर मानसिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े मनोचिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों को इस बात की जानकारी मिलेगी कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के उत्थान एवं वैज्ञानिक उपचार के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। इसके अतिरिक्त इस अध्ययन से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी नीति निर्धारण से मदद मिल सकती है।
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इस प्रशिक्षण के दौरान वैक्सन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल गेटर नोएडा के डॉ. सी.पी. शर्मा, डॉ.एसपीएस बख्सी चेयरमैन बैक्शन, डॉ. कथिका मनोविज्ञान एवं मानसिक विभाग गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.ए.पी सिंह अन्य चिकित्सक गणों एवं प्रशिक्षु उपस्थित रहे और अपने विचार व्यक्त किये।कार्यक्रम में होम्योपैथी समिति के डॉयरेक्टर डॉ.सी.के. नायक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डी.के. शुक्ला उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान डॉ. एस.पी.एस. बक्शी ने इस तरह के कार्यक्रम एवं शोधक्रियाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया। प्रधानाचार्य डॉ. सी.पी. शर्मा ने इस प्रोजक्ट को सफल बनाने सम्भव मदद देने की बात कही। डॉ. कथिका ने प्रोजक्ट की रूपरेखा एवं क्रियान्वयन के बारे में बात कही। डॉ.ए.पी. सिंह ने बताया कि इस तरह के प्रोजेक्ट फल से समाज में मानसिक समस्याओं के शीघ्र पहचान एवं शीघ्र समाधान जैसे विचारों को बाढ़ावा मिलेगा। इस कार्यक्रम में डॉ. मीनाक्षी अम्बवानी, डॉ. सूरज सूर्यवंशी, डॉ. प्रिया सिंह, डॉ. कृति सारस्वत, डॉ. निशा रानी इस प्रोजेक्ट के हिस्सा थे एवं कार्यक्रम में सम्मिलित थे।

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