लखनऊ। यूपी बोर्ड 12वीं की प्रयोगात्मक परीक्षा में अब विद्यार्थी डीएनए परीक्षण करेंगे। इसके साथ ही उनसे फोरेंसिक साइंस लैब (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) से जुड़े अन्य प्रश्न भी पूछे जाएंगे। प्रैक्टिकल में बॉयोलॉजी, फिजिक्स और केमेस्ट्री का पैटर्न बदला गया है। प्रयोगात्मक परीक्षा दिसंबर द्वितीय सप्ताह से जनवरी सप्ताह के बीच होगी। प्रयोगात्मक परीक्षा अब चार की जगह दो घंटे में ही पूरी हो जाएगी। मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि बॉयोलॉजी को सीधे बॉयोटेक्नालॉजी पर आधारित कर दिया गया है। जड़, तना और पुष्पीय पौधों के साथ ही पराग, अंकुरण को भी रखा गया है। नए पाठ्यक्रम में अनुकूलन, री-प्रोडक्शन, जनन, अनुवांशिकीय पर आधारित प्रयोग भी शामिल किए गए हैं। फिजिक्स के प्रैक्टिकल में पहले 15 प्रयोग होते थे, अब इनकी संख्या 20 कर दी गई है। वहीं, दैनिक उपयोगिता को देखते हुए धारामापी और जेनर डायोड का प्रायोगिक ज्ञान भी सम्मिलित किया गया है। केमेस्ट्री में केवल एक अम्लीय और एक छारीय मूलकों की पहचान बतानी होगी। पहले दो अम्लीय और दो छारीय परीक्षण होते थे। पहले दिए गए मानक विलयन की सहायता से अज्ञात विलयन की सांध्रता ज्ञात करनी होती थी। अब मानक विलयन तैयार करके माध्यमिक विलयन के रूप में प्रयोग किए जाने वाले पोटेशियम परमैंगनेट के रूप में माध्यमिक विलयन की सांध्रता ही ज्ञात करके बताना होगा। अब फेरस अमोनियम सल्फेट या आक्सैलिक अम्ल का अज्ञात विलयन नहीं दिया जाएगा।
बारहवीं प्रयोगात्मक परीक्षा में करना होगा डीएनए टेस्ट
