एनआईईटी कॉलेज के मैकेनिकल इंजी. विभाग में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेस का हुआ शुभारम्भ

AKTU No.1 Private Institute in UP in NIET NIRF-2022 Ranking

ग्रेटर नोएडा,21 अगस्त। एनआईईटी ग्रेटर नोएडा संस्थान में  मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारम्भ हुआ। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि महर्षि विश्वविद्यालय ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, लखनऊ के कुलपति डॉ. भानु प्रताप सिंह ने प्रतिभगियों को वर्तमान परिवेश जो चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं उनको दृष्टिगत रखते हुए शोध पर ध्यान देने के लिए जोर दिया। यह कांफ्रेंस एआईसीटीई की तरफ से आयोजित किया गया। उन्होंने विशेष बल देकर कहा कि देश की आवश्यकताओं को देखते हुए अभी हमारे युवा वैज्ञानिकों का योगदान अपेक्षाओं से काफी पीछे है। देश की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं जिन्हें हम सबको मिलकर पूरा करना होगा। चुनौतियों से घबराने कि बजाय उनका समाधान ढूढ़ना चाहिए। ये कांफ्रेंस एक ऐसा मंच है जिसमें सभी अपनी अपनी भूमिका चुन सकते हैं, यह एक ऐसा अवसर है जिसमें हर युवा एक नए राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बन सकता है। कांफ्रेंस में विशिष्ट अतिथि दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. विकास रस्तोगी ने युवा वैज्ञानिकों को बांड ग्राफ तकनीकी के माध्यम से जटिल मशीनों और पदार्थों के समन्वय का विश्लेषणात्मक अध्धयन करने  की विधि पर विस्तार से चर्चा की। यह तकनीकी उन्नत मशीनों के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन जटिल होने के कारण कुछ ही वैज्ञानिक ऐसे प्रयोग करने में सक्षम हैं। प्रतिभागियों के लिए यह अनूठा अनुभव था कि मशीन की अनुमानित कार्यक्षमता की गड़ना इस तकनीकी के माध्यम से मशीन बनने से पहले ही की जा सकती है।

विशेष आमंत्रित वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता तथा राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज आजमगढ़ के संस्थापक निदेशक डॉ. डी. के. सिंह ने मैकेनिकल सर्फेस फिनिशिंग में विद्युत चुंबकीय तकनीकी के नवीतम प्रयोगों और उनके परिणामों को युवा वैज्ञानिकों के साथ साझा किया। यह मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नयी तकनीकी प्रयोग है जिसका उपयोग अति सूक्षम स्तर पर आकर नियंत्रण के लिए किया जा सकता है। इस तकनीकी ने मेडिकल उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण जगह बनाई है। आरईसी सोनभद्र के प्रतिभावान शोधकर्ता प्रो अरविन्द कुमार तिवारी ने भारत की विद्युत् आवश्कयकताओं को पूरा करने के लिए उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों से युवा शोधकर्ताओं को परिचित कराया और देश के निर्माण में युवा अपनी भूमिका कैसे निभा सकते है उन आयामों से परिचित कराया। डॉ. तिवारी ने युवाओं कोदेश की आवश्यकतओं के अनुरूप तकनीकी विकसित करने पर जोर दिया। कांफ्रेंस में हंगरी के प्रशिद्ध  ओटवोस लोरंड विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के वैज्ञानिक अवं शोधकर्ता प्रो तेज सिंह ने युवा प्रतिभागियों को वेष्ट पार्टिकल कम्पोजिट पदार्थों के उत्पादन और प्रयोगों से परिचित कराया। जिससे भविष्य में मटेरियल के वेष्ट को लगभग नगण्य किया जा सके।

इन नविन पदार्थो का प्रयोग मैकेनिकल इंजीनियरिंग के वैज्ञानिकों के लिए वरदान की तरह है। उत्तर प्रदेश  में मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र में अपने शोध कार्यो के लिए विशेष पहचान बनाने वाले  वरिष्ठ प्राध्यापक एवं बीआईईटी झाँसी के भूतपूर्व  प्रो घनश्याम श्रीवास्तव ने युवा शोधकर्ताओं को आधुनिक ऊर्जा उत्पादन तकनीकियों से अवगत कराया और विश्व के बदलते परिवेश में उत्पादन हब बनने की दिशा में अग्रसर भारत में ऊर्जा क्षेत्र की हाइब्रिड आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीकी विकास कैसे करें विषय से अवगत कराया। कांफ्रेंस में वीआईईटी  ग्रेटर नोएडा के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. वी.आर. मिश्रा, जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज गढ़वाल के डॉ. सचिन तेजियान,  बीआईटी मेसरा के प्रो. बिनय कुमार एवं डॉ प्रवीण मिश्रा तथा एनआईईटी के डॉ. एस. एल. वर्मा,  प्रो. राकेश कुमार सिंह, पुलकित श्रीवास्तव एवं अनंत अग्रवाल ने सेशन चेयर की भूमिका का निर्वहन किया 26 शोधकर्ताओं से अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये कार्यक्रम में संस्थान के कार्यकारी उपाध्यक्ष रमन बत्रा, महानिदेशक प्रवीण सोनेजा, निदेशक डॉ. विनोद एम कापसे, निदेशक प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग डॉ प्रवीण पचौरी, विभागाध्यक्ष डॉ चन्दन कुमार  अध्यापकगण तथा देश के कोने कोने से बहुत से शोधकर्ता ऑनलाइन जुड़े।

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