गौ सेवा से प्रसन्न होते हैं देवगण, प्रत्येक मनुष्य को करनी चाहिए- राकेश शास्त्री

गौ सेवा से प्रसन्न होते हैं देवगण, प्रत्येक मनुष्य को करनी चाहिए- राकेश शास्त्री

रबूपुरा। हरिकृपा प्राप्ति के लिए जब इंसान बढता है तो माया उसे चहुं दिशा घेर लेती है। जब तक मोह माया का पर्दा हटता नहीं तब तक प्राणी को प्रभु के दर्शन नहीं होते है। हिंदू धर्म में गाय को माता के समान माना गया है तथा गौ रक्षा और गौ सेवा करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं जोकि प्रत्येक मनुष्य को करनी चाहिए। सृष्टिकार श्रीकृष्ण एवं तैंतीस कोटि देवताओं की प्रसन्नता के उपरान्त की मनुष्य को सफल जीवन का फल प्राप्त होता है। उक्त बातें गांव भुन्ना तगा में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन वृदावन से पधारे कथावाचक राकेश मधुर शास्त्री अपने व्याखान में कहीं। साथ ही उन्होंने श्रीकृष्ण जन्म एवं उनके लीलात्मक रूप से निशाचर वध आदि कथा का बहुत ही मनमोहक तरीके से वर्णन किया। जिसे सुनकर श्रोता को भावविभोर होकर कृष्ण भक्ति में लीन हो गये। इसके साथ ही कथा के प्रांगढ में गाय के गोवर से ही गोवर्धन बनाते हुए पूजा अर्चना की एवं श्रीकृष्ण भगवान की सुंदर झांकी का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस मौके पर आयोजक पवन शर्मा, श्यामलाल शर्मा, राजेंद्र कुमार, अगंनलाल शर्मा, शीला देवी, किशनवती, राधिका, रनवीर शर्मा, मुकेश त्यागी, रामू काका, अंजली, मोनिका, दीपचंद्र शर्मा, पूरन सिंह आदि मौजूद रहे।

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