शहर व गांवों में धूमधाम से लोगों ने की गिरिराज गोवर्धन की पूजा

धूमधाम से लोगों ने की गिरिराज गोवर्धन की पूजा

ग्रेटर नोएडा,15 नवम्बर। पांच दिवसीय दीपोत्सव के चौथे दिन शहर के मंदिरों में गोवर्धन पूजा धूमधाम से की गई। शहर के अल्फा एक स्थित शिव शक्ति मंदिर एवं गामा एक स्थित गौरीशंकर मंदिर में रविवार को गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाकर सुबह एवं शाम श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। अल्फा एक मंदिर में विभिन्न व्यंजनों से अन्नकूट का भोग भगवान को चढ़ाया। पशुधन रखने वाले परिवार, किसानों ने पशुओं को स्नान कराया। गाय पालकों ने गाय को विभिन्न रंगों से श्रृंगार किया। गामा एक मंदिर परिसर में महिलाओं ने गोबर से सुंदर गोवर्धन पर्वत तैयार कर दीप जलाकर पूजा अर्चना की। वहीं घरों में विधि विधान के साथ गोवर्धन महाराज की पूजा कर भोग चढ़ाया। वहीं सड़क एवं सेक्टर में घूम रही गाय को रोटी खिलाकर पुण्य अर्जन किया। देहात क्षेत्र में किसानों ने पारंपरिक एवं विधि विधान के साथ गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना की। गांवों में किसानों ने गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति तैयार कर दीप जलाकर किए। किसानों ने पशुओं का स्नान कर श्रृंगार किया। गायों के रखने वाले स्थान की साफ सफाई की गई। मुकुल गोयल ने बताया कि श्री महाराजा अग्रसेन वैश्य सेवा समिति द्वारा हर वर्ष अग्रसेन भवन स्वर्ण नगरी में किया जाने वाला गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम इस वर्ष स्थगित है। कार्यक्रम में लगभग 1200 लोग रहते थे। सभी की सुरक्षा के मद्देनज़र यह निर्णय कमेटी द्वारा लिया गया।
सेक्टर डेल्टा-दो में गोवर्धन पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया
सेक्टर डेल्टा-दो आरडब्लूए महासचिव आलोक नागर ने बताया कि अपने आवास पर गोवर्धन पूजा बड़े धूमधाम से मनाई गई गोवर्धन पूजा दिवाली के दूसरे दिन आती है। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहते हैं। आलोक नागर ने बताया कि मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल वासियों इंद्र के प्रकोप से बचाया था और देवराज के अहंकार को नष्ट किया था। भगवान कृष्ण ने अपनी सबसे छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत उठाया था। तभी से गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा आरंभ हुई। गोवर्धन पूजा, इसे अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली से अगले दिन मनाया जाने वाला यह पर्व इस बार रविवार को मनाया जा रहा है हर साल यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होता है। जिसमें गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है।

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