ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा ने कोकुयो कैमलिन के साथ मिलकर कला एकीकरण पर अर्ली चाइल्डहुड एजुकेटर और प्रिंसिपल कॉन्क्लेव का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को कला के विभिन्न रूपों से परिचित कराना था, जिन्हें उनके कक्षा शिक्षण में शामिल किया जा सकता है। सत्र की शुरुआत स्कूल की प्रधानाचार्या अदिति बासु रॉय ने एनईपी 2020 के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कला एकीकरण पर एक प्रस्तुति के साथ हुई। मिसेज इंडिया वर्ल्डवाइड 2018 कीर्ति मिश्रा नारंग गेस्ट ऑफ ऑनर थी, जिन्होंने मौखिक रचनात्मक अभिव्यक्ति के सबसे महत्वपूर्ण रूप में कहानी कहने की कला पर जोर दिया। प्रधानाचार्य द्वारा विभिन्न शिशु शिक्षाविदों को इस समारोह में सम्मानित किया गया।
आदिति बासु रॉय ने स्वीकार किया कि दुनिया भर में वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संक्रमणकालीन चरण में लोगों को नई परिस्थितियों को समायोजित और अनुकूलित करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को ध्यान केन्द्रित करने के लिए दिलचस्प और नए तरीके से सिखाया जाना चाहिए।
पाठ्यक्रम के विषयों के साथ कला का एकीकरण शिक्षण तथा सीखने की प्रक्रिया में विविधता ला सकता है, हर बच्चे की भागीदारी के माध्यम से समावेश को बढ़ावा दे सकता है। जब बच्चे खुश होते हैं, तो उन्हें व्यक्त करने और यह महसूस करने की स्वतंत्रता की भावना मिलती है कि वे कुछ ऐसा बना रहे हैं जिससे उनकी सामान्य प्रेरणा बढ़ जाती है और इस तरह कला सीखने का आधार बन जाती है। कार्यशाला में ग्रेटर नोएडा के विभिन्न स्कूलों के 40 प्रधानाचार्य और शिक्षकगण शामिल हुए। कैमलिन की प्रतिनिधि विजय लक्ष्मी ने प्रतिभागियों को कला को विभिन्न विषयों के शिक्षण में कैसे शामिल किया जा सकता है यह दिखाने के लिए गतिविधियों का संचालन किया। कार्यशाला शिक्षकों के लिए बहुत आकर्षक और दिलचस्प थी। वे अपने क्लास रूम शिक्षण में कला को शामिल करने के लिए प्रेरित हुए।