-गवर्निंग बाडी की बैठक में जिम्स में सुविधाएं बढ़ाने सहित कई बिन्दुओं पर हुई चर्चा
-मरीजों की देखरेख, मेडिकल शिक्षा व शोध प्रोजेक्ट पर जिम्स प्रशासन कर रहा है काम
ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान(जिम्स) ग्रेटर नोएडा के गवर्निंग बाडी की बैठक हुई, जिसमें जिम्स प्रशासन की तरफ से कई महत्वपूर्ण मुद्दों को रखा गया, मुख्य सचिव ने बिन्दुवार सुनवाई करते हुए जिम्स प्रशासन की तारीफ करते हुए कई बिन्दुओं पर सहमति भी दी। जिम्स के निदेशक बिग्रेडियर डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि बैठक में जमीन के मुद्दों को रखा, जिसे आगे कैबिनेट में रखा जाएगा। अस्पताल के बिल्डिंग के बेसमेन्ट में पानी के रिसाव को लेकर रुड़की ने अनसेफ बताया है, जिसकी सीबीआरआई से जांच कराने के लिए लिखा गया है। जिम्स में टीचिंग फैकेल्टी को बढ़ाने को लेकर बैठक में रखा गया, ब्लड बैंक को अपग्रेट करने के बिन्दु को रखा गया, जिसपर प्रमुख सचिव की तरफ से सहमति मिली। नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज शुरु करने प्रस्ताव रखा गया, जिसकी अनुमति मिल गयी है, अगले सत्र से शुरु कर दिया जाएगा। स्किल डेवलपमेन्ट, सिमुलेशन सेन्टर बनाने साथ जिम्स को ई-हॉस्पिटल, डिजिटलाइजेशन करने के लिए सीडेक से कराने की अनुमति मिल गयी है। डॉ. राकेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता में बताया कि जिम्स प्रशासन पेसेन्ट केयर, मेडिकल एजूकेशन और शोध पर काम किया जा रहा है। जिम्स में एसपीजीआई की तरह मरीजों को दवा की सुविधा की जा रही है। एमबीबीएस तीसरे बैच के लिए अनुमति मिल गयी साथ ही पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रम भी अनुमति मिली है। जिम्स को मेडिकल इन्क्यूबेटर के लिए चयन किया गया है। शोध के लिए सरकार की तरफ से पांच करोड़ का फंड स्वीकृत किया गया है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि पिछले महीनों में सीएसआर के तहत 5-6 करोड़ का सहयोग प्राप्त हुआ है, जिसमें 100 बेड एचसीएल ने दिया है, पांच एम्बुलेन्स के साथ लैब इक्यूबमेन्ट दान में मिला है। जिले के लोगों को 10 रूपये किमी के हिसाब से एम्बुलेन्स की सुविधा भी दी जाएगी। अस्पताल में आक्सीजन के लिए बड़ी उपलब्धि मिली है। कोविड के पहले वेव में ही एलएमओ विकसित कर दिया गया था, जिसका फायदा दूसरे वेब में फायदा मिला। कोविड के तीसरी लहर के लिए 90 प्रतिशत स्टॉफ तीसरी लहर के लिए प्रशिक्षण लेकर तैयार हो गये हैं। डायबटीज के लिए शतप्रतिशत इलाज जिम्स में उपलब्ध है, डायलिसिस की सुविधा 1500 रुपये में उपलब्ध है, दस मशीने पीपीपी मॉडल पर खरीदा जा रहा है। एमआरआई जांच की सुविधा दिसम्बर माह से शुरु हो जाएगा। इस दौरान डॉ. सौरभ श्रीवास्तव,मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, अनुराग श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी, डॉ. विवेक लैब इंचार्ज, डॉ. सुरेश बाबू मौजूद रहे।