ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभी तरह के बकाया व भविष्य की देयता का भुगतान आगामी एक दिसंबर से सिर्फ ऑनलाइन होगा। प्राधिकरण ने ऑफलाइन भुगतान को बंद करने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने प्राधिकरण से जुड़े सभी बैंकों को इस बाबत पत्र भेज दिया है। हालांकि किसानों, 200 वर्ग मीटर से छोटे आकार के रिहायशी भूखंडों और 400 वर्ग मीटर से छोटे आकार के औद्योगिक भूखंडों के आवंटियों के लिए ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भुगतान की सुविधा भी जारी रहेगी।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत एक लाख से अधिक आवंटी हैं। 80 से अधिक मद हैं, जिनमें आवंटी भुगतान जमा करते हैं। इन मदों में आवंटन व किस्त की धनराशि, अतिरिक्त मुआवजा, आबादी प्लॉट को विकसित करने का शुल्क, सीआईसी शुल्क, सामुदायिक केंद्र को बुक करने का शुल्क, कंप्लीशन फीस, कंपाउडिंग फीस, कनवर्जन चार्जेस, डुप्लीकेट मैप स्वीकृति शुल्क, एक्सट्रा एरिया, एक्सट्रा कंस्ट्रक्शन चार्ज आदि शामिल हैं। इन आवंटियों को बकाया धनराशि जमा करने के लिए बैंक जाना पड़ता है। वहां चार प्रतिलिपि वाले चालान भरकर बैंकों में जमा करना होता है। बैंक पैसे जमा करने के बाद चालान की एक प्रतिलिपि प्राधिकरण को और एक आवंटी को वापस कर देते हैं। उस चालान को संभालकर रखना पड़ता है। कई बार बकाया भुगतान का मिलान न होने पर चालान दिखाना भी पड़ता है। बकाया जमा करने के लिए आवंटी का बैंक आने-जाने में समय भी खर्च होता है और कतार में भी लगना पड़ता है। इन समस्याओं को हल करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने डिजिटल इंडिया के अंतर्गत डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन भुगतान (ई-पेमेंट व ऑनलाइन सेवा) प्रणाली पूर्व में ही शुरू करा दी थी।
–ग्रेनो प्राधिकरण की तरफ से सभी संबंधित बैंकों के लिए पत्र जारी
–किसान, छोटे रिहायशी व उद्योगों के प्लॉट वालों को फिलहाल राहत
–आवंटी ग्रेनो प्राधिकरण में 80 से अधिक मदों में जमा कराते हैं ड्यूज
आवंटी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट www.greaternoidaauthority.in पर जाकर ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं। बशर्ते, आवंटी का केवाईए होना चाहिए, तभी उसे आईडी व पासवर्ड मिलेगा, जिससे वह प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाकर अपनी प्रॉपर्टी के एवज में बकाया भुगतान ( पेंडिंग ड्यूज) देख सकेगा। साथ ही ऑनलाइन सेवाओं के लिए भी आवेदन कर सकेगा। हालांकि मित्रा एप पर केवाईए व नॉन केवाईए दोनों ही अलॉटी भुगतान कर सकते हैं, लेकिन वे ऑनलाइन सेवाओं का फायदा तभी प्राप्त कर सकेंगे, जब वे केवाईए करा लेंगे।
सीईओ के निर्देश पर आवंटियों की सहूलियत को देखते हुए अब तक ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन की भी सुविधा जारी रखी गई थी, लेकिन अब आगामी 01 दिसंबर से प्राधिकरण ने ऑफलाइन सुविधा बंद करने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग की तरफ से सभी बैंकों को पत्र भेजा गया है, कि 30 नवंबर के बाद किसी भी आवंटी का ऑफलाइन भुगतान न लिया जाए। यानी चालान भरकर जमा धनराशि को प्राप्त (रिसीव) न करें। हालांकि किसानों और 200 वर्ग मीटर से कम आकार के रिहायशी भूखंड और 400 वर्ग मीटर से कम के औद्योगिक भूखंडों के आवंटियों के लिए फिलहाल ऑफलाइन सुविधा भी जाएगी। सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि इन आवंटियों के लिए ऑफलाइन भुगतान की सुविधा होगी, लेकिन इनको ऑनलाइन भुगतान के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आवंटी द्वारा किए गए हर तरह के भुगतान का अपडेट उसे तत्काल मिल जाता है और आवंटी को चालान सत्यापित करने की जरूरत नहीं होती। उसे चालान संभालकर रखने की झंझट से भी निजात मिल जाएगी। बैंक शाखा तक आने-जाने में लगने वाला समय और खर्च भी बचेगा। ऑनलाइन भुगतान करते ही आवंटी को तत्काल एकाउंट अपडेट (रियल टाइम) भी पता चल जाता है।
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