–तीन राज्यों में फैला हुआ था नेटवर्क, नकली सिमेन्ट का कारोबार
-ब्रांडेड कंपनियों के बोरो में भरकर डीलरों व बिल्डरों को की जाती थी सप्लाई
-एक बिजनेसमैन सहित 12 लोग गिरफ्तार, दो कंपनी व तीन गोदाम पकड़ा
ग्रेटर नोएडा। नकली सीमेंट बनाने वाले जिस गिरोह का खुलासा जिले की पुलिस ने किया है, उसका नेटवर्क दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में फैला हुआ था। नकली सीमेंट ब्रांडेड कंपनियों के बोरो में भरकर डीलरों व बिल्डरों को सप्लाई की जाती थी। यह गिरोह पिछले करीब दो सालों से दिल्ली एनसीआर में सक्रिय था। पुलिस ने अलग- अलग स्थानों पर छापेमारी कर रुद्रपुर उत्तराखंड के एक बिजनेसमैन सहित 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। दो फर्जी कंपनियों व तीन गोदामों से 3778 बोरी सीमेंट, 8926 खाली थैले, ट्रैक्टर ट्राली आदि सामान बरामद हुआ है।
नकली सीमेंट की सप्लाई किसे की जाती थी। पुलिस इसका पता लगाने में जुटी है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिल रही थी कि क्षेत्र में नकली सीमेंट बनाने वाला गिरोह सक्रिय है। नकली सीमेंट के कारखानों की जानकारी प्राप्त होने पर सीओ सिटी नोएडा श्वेताभ पाण्डेय, सीओ तृतीय ग्रेटर नोएडा के नेतृत्व में कोतवाली सेक्टर-20 नोएडा, बिसरख, नॉलेज पार्क व बादलपुर कोतवाली पुलिस ने नकली सीमेंट के कारोबार में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जगह- जगह पर दबिश दी। बिसरख कोतवाली पुलिस ने क्षेत्र के ग्राम हैबतपुर में हिण्डन नदी के पास नकली सीमेंट बनाने के प्लांट पर छापा मारा। पुलिस ने मौके से चार लोगों को गिरफ्तार किया,जिनकी पहचान छोटू निवासी कुरैली थाना बस्ती जिला कटिहार बिहार, राजवीर निवासी बरखेडा थाना बेजोई जिला मुरादाबाद, संतोष निवासी वाराणसी व हरिराज निवासी सैन विहार विजय नगर गाजियाबाद के रूप में हुई है। पुलिस ने मौके से 1022 बोरी सीमेंट हुई, जिनमें 434 बोरी अम्बुजा, 288 जेके सुपर व 300 एसीसी सुपर पावर मार्का के हैं। पूछताछ करने पर गिरोह के अन्य अभियुक्तों के बारे में पता चला। पुलिस की संयुक्त टीमों ने नॉलेज पार्क कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-146 नोएडा, गाजियाबाद के शाहपुर मोरटा व उत्तराखंड के रुद्रपुर में छापेमारी कर कुल 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों की सुनील निवासी गांव चिपियाना बुजुर्ग, जयंती प्रसाद निवासी लाल कुंआ कविनगर गाजियाबाद, आलोक जैन, सुनील पुत्र जगपाल निवासी दिल्ली, तालीम निवासी मेरठ व दीपू के रूप में हुई है। एसएसपी ने बताया कि दो फैक्टरी व तीन गोदाम में नकली सीमेंट बनाने का काम चल रहा था। पुलिस ने मौके से 3778 बोरी सीमेंट, 8926 खाली बोरी विभिन्न कंपनियों, बोरी सीलने के धागे, ट्रैक्टर ट्राली आदि सामान बरामद किया है। यह नकली सीमेंट बनाने का अंतरराज्यीय गिरोह है। अभियुक्त जयंती पूर्व में भी थाना कविनगर गाजियाबाद से वर्ष 2008 में अवैध सीमेंट फैक्टरी प्रकरण में जेल जा चुका है। एसएसपी ने बताया कि गिरोह के चार सदस्य वांछित चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि नकली सीमेंट का प्रयोग शाहबेरी में बिल्डरों द्वारा किए गए अवैध निर्माण में किया गया है। नकली सीमेंट की सप्लाई दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में किन- किन डीलरों व बिल्डरों को की जाती थी,इसकी जांच की जा रही है।
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ब्रांडेड कंपनियों की खराब सीमेंट खरीदकर बनाते सीमेंट
नकली सीमेंट बनाने वाला यह गिरोह विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों का खराब (जमा हुआ) सीमेंट खरीद लेता था। इसके बाद फर्जी प्लांटों में पीस कर उसमें एनटीपीसी की राख, बदरपुर, डस्ट आदि मिलाकर ब्रांडेड सीमेंट कंपनियों के बोरों में भरकर बाजार में सप्लाई करने का कार्य करते थे। ब्रांडेड कंपनियों के नये बोरो की प्रिंटिंग भूरा निवासी दिल्ली करता था।