रबूपुरा। शहर में बढ़ते वायु के स्वास्थ्य प्रदूषण एवं नौनिहालों के प्रति जिला प्रशासन भले ही चिन्तित हो लेकिन निजी स्कूल संचालक कतई गम्भीर नहीं दिख रहें। शहर की खराब आवोहवा को लेकर कई बार शिक्षण संस्थानों कों बंद रखने के निर्देश जारी किये गये लेकिन जहां एक तरफ स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग आदेशों का पालन कराने में विफल नजर आया तो वहीं निजी स्कूल संचालकों द्वारा हर बार प्रशासनिक निर्देशों को हवा में उड़ा दिया गया। ग्रामीण क्षेत्र में गुरूवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जिलाधिकारी के 14 व 15 नवम्वर को कक्षा 12वीं तक के स्कूल बंद रखने के निर्देशों को कद एक बार फिर निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के सामने बोना नजर आया और हालात से अवगत होने के बावजूद जहां चंद स्कूलों ने आदेश का पालन किया तो वहीं कस्बा व क्षेत्र के अधिकांश शिक्षण संस्थानों में शिक्षण कार्य जारी रहा। ऐसे मंे जहां स्कूल संचालक निर्देश देरी से मिलने का राग अलापते हैं तो वहीं परिजनों का आरोप है कि प्रबंधन द्वारा उन्हें इस सम्बंध में कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई जाती है। कई बार तो बच्चों के स्कूल पहंुच जाने पर उन्हें छुट्टी बताकर घर भेजा जाता है। बताया जाता है जब घर से निकलकर कर बच्चा स्कूल तक पहंुच गया तो फिर उसे वापिस भेजने पर प्रदूषण से कैसे सुरक्षा होगी। खैर कुछ भी हो फिलहाल प्रशानिक आदेश ऐसे संस्थानों के लिए मजाक बन चुके हैं और आये दिन उनकी अनदेखी करना आदत में शुमार हो गया है। गौरतलब है कि गत दिनों के दौरान जनपद में पुनः बढ़े वायु प्रदूषण का बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़े, इसी के चलते जिलाधिकारी बीएन सिंह ने 12वीं तक के सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों को 14 व 15 नवम्वर को बंद रखने के निर्देश जारी किये थे।