उच्च शिक्षा में भारतवर्ष के शीर्ष 50 विशिष्ट शिक्षकों में  डॉ. विकास सिंह हुए चयनित   

ग्रेटर नोएडा,4 दिसम्बर। आईटीएस दि एजूकेशन ग्रुप के अधिशासी निदेशक डॉ. विकास सिंह को भारत में उच्च शिक्षा में शीर्ष 50 विशिष्ट शिक्षकों में चयनित किया गया है। डॉ. सिंह जो एक उच्च शिक्षा विशेषज्ञ हैं और विश्वविद्यालयों की स्थापना और विकास में अनुभवी है, को यूजीसी के अध्यक्ष प्रो.डी.पी. सिंह और एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. विनय शसरबुद्धे के साथ इस प्रतिष्ठित सूची में अंकित किया गया है। वर्ष 2019 में यू लेक्ट्ज वाल ऑफ फेम के लिए भारत वर्ष से एक हजार से अधिक नामांकन मिले, जिनमें से कुछ नामांकन को शॉर्टलिस्ट किया गया और अंत में 106 शिक्षकों को चुना गया जिन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया गया। प्रथम-वर्ष 2019 के लिये भारत वर्ष में उच्च शिक्षा में शीर्ष 50 विशिष्ट शिक्षक और द्वितीय-वर्ष 2019 के लिये भारतभर में उच्च शिक्षा में उभरते हुए शिक्षक। चेन्नई स्थित कम्पनी यू लेक्ट्ज ने कहा कि इस पहल का उद्धेश्य हमारे भारत देश में कुछ शिक्षकों को उनके अद्वितीय योगदान और उच्च शिक्षा को बढ़ाने और हजारो छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाने में मदद और सकारात्मक प्रभाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सम्मानित करना है। इस विशिष्ठ सम्मान के अलावा डॉ. विकास सिंह को 2010 में इण्डिया टुडे ग्रुप द्वारा पंजाब में सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद-निदेशक तथा भारतीय आर्थिक विकास ओैर अनुसंधान संघ द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड फॉर एजूकेशन एक्सीलेंस अन्य उपलब्धि प्राप्त है। डॉ. विकास सिंह एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद, संस्था निर्माता और प्रबंधन विचारक है जो भारतीय युवाओं को रोजगारपरक व उद्यमशील बनाने के लिये तकनीकी और कौशल शिक्षा का प्रसार करना पसंद करते हैं। पूरे भारत में उच्च शिक्षा में शीर्ष 50 विशिष्ट शिक्षकों में चयनित होने पर डॉ. सिंह ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा में अगले साल लागू होने वाली नई शिक्षा नीति के पश्चात तेज वृद्धि देखने को मिलेगी। वर्तमान सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) जो उच्च शिक्षा में अभी लगभग 25 प्रतिशत है, वो अगले 5 वर्षो में बढ़कर 50 प्रतिशत और उससे भी अधिक हो जायेगा और इस रूप में सभी नये और पुराने बहुविषेयक विश्वविद्यालयों के लिये विकास की असीम संभावनाएं हैं। इस समय भारतवर्ष में उच्च शिक्षित छात्रों को न केवल रोजगार की तलाश है वल्कि वह अपने स्वयं के उद्यम शुरू करने में अधिक से अधिक रुचि रखतें है और इसलिए प्रत्येक निजी विश्वविद्यालय के लिये यह आवश्यक है कि वह छात्रों के नवीन विचारों को विकसित करने के लिये परिसर में एक इको-सिस्टम विकसित करे और फिर सीड फडिंग के साथ स्टार्ट-अप को सहयोग प्रदान करें। सम्मान पाने पर डॉ. सिंह ने अपने सभी वरिष्ठो और मित्रों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें अवतक की यात्रा में मार्गदर्शन किया है और उन्हें उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित करते रहे हैं।

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