ग्रेटर नोएडा,13 जनवरी। एनआईईटी ग्रेटर नोएडा के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग के द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद,अटील अकादमी से प्रायोजित ब्लाकचेन प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग विषय पर पाँच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, राजस्थान के कुलपति डॉ. अमरिका सिंह, विशिष्ट अतिथि महर्षि आईटी विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. भानु प्रताप सिंह, एनआईईटी, संस्थान के कार्यकारी उपाध्यक्ष रमन बत्रा, महानिदेशक प्रवीण सोनेजा, निदेशक डॉ. विनोद एम. कापसे, निदेशक (परियोजना एवं नियोजन) डॉ. प्रवीण पचौरी, विभागाध्यक्ष डॉ. कुमुद सक्सेना, संकाय सदस्य तथा प्रतिभागियों की उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. विनोद एम कापासे के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने एनआईईटी की उपलब्धियों के बारे में बताया कि इस वर्ष एनआईईटी को स्वायत्तशासी का दर्जा मिल गया है और दूसरा इस वर्ष सरकर से नई-नई इंजीनियरिंग कोर्स की धाराएँ जैसे ए.आई, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स, सी.स.बी.स. में कोर्स आरंभ करने की अनुमति मिली है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. अमरिका सिंह, कुलपति, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, राजस्थान ने बताया कि तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एनआईईटी ग्रेटर नोएडा अच्छा कार्य कर रहा है और हमें आशा है की आगे भी इसी प्रकार से अपना योगदान देता रहेगा। उन्होंने बताया कि ब्लाकचेन प्रौद्योगिकी विश्व को नई दिशा देने वाली है। जैसे जैसे इसका प्रयोग बढ़ेगा भ्रष्टाचार स्वयं ही कम होता जाएगा।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर भानु प्रताप सिंह, कुलपति, महर्षि आईटी विश्वविद्यालय, लखनऊ ने शिक्षकों को नई तकनीक में प्रवीणता की आवश्यकता को समझाया । उन्होने बताया कि शिक्षक केवल एक व्यक्ति नहीं है बल्कि समाज का पथ प्रदर्शक है और उसे अपनी ज़िम्मेदारी को हर समय ध्यान में रखना चाहिए।
कार्यक्रम में तकनीकी प्रवक्ता डाटा साइंस सोसाइटी की फाउंडर प्रेजिडेंट डॉ नेहा शर्मा ने ब्लॉकचेन तकनीक के विषय में कुछ जरूरी जानकारी को समझाया। उन्होंने बताया कि ब्लॉकचेन तकनीक किस तरीके से लोगों के जीवन में बदलाव लाने में मुख्य भूमिका निभा रही है तथा तकनीकी विकास में इसे कैसे जोड़ा जा सकता है। नए रिसर्च और प्रोजेक्ट में इस तकनीकी की विशिष्ट भूमिका है। कलकत्ता विश्वविध्यालय की डॉ हिमाद्री ने इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का ब्लॉकचैन तकनीकी विकास में प्रयोग समझाया। इन्द्रप्रस्ठ विश्वविद्यालय के डॉ निखिल मारीवाल ने ब्लॉकचैन की तकनीकी बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। नेशनल इन्फोर्मेटिक सेंटर के राजकुमार सागर ने क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन के विषय में बताया और अनुभव चतुर्वेदी ने प्रैक्टिकल करके तकनीकी का प्रयोग सिखाया। सॉफ्टेक कंपनी की वैज्ञानिक स्वेता जैन ने प्रतिभागियों को ब्लॉकचैन और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का इंडस्ट्री में प्रयोग सिखाया तथा टीसीएस के वरिष्ठ कंसलटेंट श्री कार्तिकेय गोयल ने भविष्य में ब्लॉकचैन तकनीकी के भविष्य और सार्थकता को समझाया।
संकाय विकास कार्यक्रम में भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए करीब 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने पूरे कार्यक्रम में काफी उत्साह दिखाया और उन्हें भागीदारी प्रमाण पत्र देकर अटेल अकादमी द्वारा सम्मानित किया जायेगा। समापन समारोह में डॉ. गिरधारी लाल गर्ग, सहायक निदेशक अटल संस्थान मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर रमन बत्रा, कार्यकारी उपाध्यक्ष एनआईईटी ने बताया की आज के समय के अनुसार ब्लाकचेन एक महत्वपूर्ण तकनीक है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया की एनआईईटी हमेशा से इस तरह के तकनीकी कार्यक्रम आयोजित करता रहा है और उन्होने यह भी कहा की एनआईईटी का हमेशा से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का सहयोग मिलता रहा है।
डॉ. कुमुद सक्सेना-विभागाध्यक्ष- इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग ने विषय की वर्तमान युग में आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग हमेशा से इस तरह के तकनीक कार्यक्रम को आयोजित करने मे अग्रणी रहा है। विगत कुछ महीने मे चार अल्पकालिक कार्यक्रम और एक संकाय विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्रवीण पचौरी, निदेशक (परियोजना एवं नियोजन) ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया एवं सभी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
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