-एनआईईटी कॉलेज में बोर्ड ऑफ एप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग (उत्तरी क्षेत्र) के सहयोग से हुआ आयोजन
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यक्रम के अंतर्गत बोर्ड ऑफ एप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग (उत्तरी क्षेत्र) के सहयोग से “राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना” पर एचआर कॉन्क्लेव 2019 का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) डी.एस. चौहान, अध्यक्ष, बीओएटी (एनआर), एस. के. मेहता, निदेशक, बीओएटी (एनआर), ए.के. श्रीवास्तव, उप निदेशक, बीओएटी (एनआर), रमन बत्रा, कार्यकारी उपाध्यक्ष, एनआईईटी, डॉ. विनोद कापसे, निदेशक-एनआईईटी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त विभिन्न निजी और सरकारी व्यापारिक संस्थानों के 200 से अधिक मानव संसाधन विभाग के अधिकारी एवं प्रतिनिधि भी इस महाआयोजन के साक्षी बने। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य अधिनियम के तहत उद्योगों में छात्रों-उम्मीदवारों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना और दक्षताओं के अपेक्षित स्तर के साथ कुशल श्रमशक्ति का निर्माण करना था। इसने उद्योगों के मानव संसाधन विभागों के प्रमुखों और बोर्ड के संबंधित अधिकारियों के बीच संपर्क स्थापित करने और उन्हें मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा, ताकि नए उत्तीर्ण छात्रों की अधिकतम संभव संख्या उद्योगों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सके। कॉन्क्लेव के विषय का परिचय देते हुये, प्रो. (डॉ.) डी.एस. चौहान, अध्यक्ष, बीओएटी (एनआर); इस बात पर प्रकाश डाला गया कि प्रशिक्षण के मानकों में सुधार के लिए केंद्रित दृष्टिकोण के साथ अधिनियम के प्रावधानों का पालन करने के लिए “राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना” विभिन्न डोमेन के उद्योगों का मार्गदर्शन और सहायता कर रही है। एस.के. मेहता, निदेशक, बोट (एनआर) ने अपने मुख्य भाषण में, विभिन्न उद्योगों के मानव संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करते हुये अधिनियम और राष्ट्रीय पोर्टल मॉड्यूल के हालिया घटनाक्रमों तथा संशोधनों के बारे में जागरूकता पैदा की और बोट के केंद्रित दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। ए.के. श्रीवास्तव डिप्टी डायरेक्टर, बीओएटी (एनआर) ने अपने उद्बोधन में पोस्ट- अप्रेंटिसशिप परमानेंट एम्प्लॉयमेंट (पीएपीई) के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारियां साझा की। रमन बत्रा, कार्यकारी उपाध्यक्ष, एनआईईटी, ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कॉर्पोरेट आवश्यकताओं और शिक्षण जगत के बीच विद्यमान अंतर को रेखांकित किया और कुछ अंतर्निहित चुनौतियों के समाधान के लिए साथ मिलकर काम करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि एनआईईटी का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, कार्यक्रमों और सेवाओं के माध्यम से छात्रों के सीखने के अनुभव को बदलकर अभिनव, समग्र, 21वीं सदी के एंड्रोगोगी आधारित ज्ञान देना है।