ग्रेटर नोएडा,24 अक्टूबर। कमांडेंट नरेन्द्र सिंह के कुशल नेतृत्व में 38वीं बटालियन आईटीबीपी को ‘‘सर्वश्रेष्ठ एंटी-नक्सल ऑपरेशन बटालियन 2018‘‘ के साथ-साथ ‘‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ बटालियन 18-19” घोषित किया गया। छत्तीसगढ़ के खरोरा, जिला-रायपुर में स्थित 38वीं बटालियन आईटीबीपी ने छत्तीसगढ़ में एंटी-नक्सल ऑपरेशन ड्यूटी के लिए तैनात समस्त आईटीबीपी बटालियनों में ‘‘सर्वश्रेष्ठ ए.एन.ओ. बटालियन” और 56 सर्विस बटालियनों और 4 स्पेशल बटालियनों को पीछे छोड़कर ‘‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ बटालियन‘‘ का खिताब जीतने में कामयाब हुई है। जोकि अब तक का यह पहला ऐसा अवसर है जब एक बटालियन ने एक ही वर्ष में दोनों प्रतिष्ठित ट्रॉफियां हासिल की हैं। इससे पहले भी उनके नेतृत्व में इस बटालियन को ‘‘सर्वश्रेष्ठ नॉन बॉर्डर बटालियन- 2016” का खिताब भी दिया जा चुका है। आईटीबीपी के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने 39वीं वाहिनी ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान आईटीबीपी के कमांडेंट नरेंद्र सिंह को दोनों ट्रॉफियां प्रदान करके सम्मानित किया गया। कमांडेंट नरेंद्र सिंह 26 अप्रैल 1993 को बतौर सहायक कमांडेंट के रूप में आईटीबीपी बल में शामिल हुए। अपने 26 वर्षों से अधिक बेदाग और प्रतिष्ठित सेवा करियर के दौरान उन्होंने सीमा सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, प्रशिक्षण केंद्र और विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में एंटी-नक्सल ऑपरेशंस ड्यूटियों में उल्लेखनीय कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। 38वीं बटालियन ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या के मूल कारणों की पहचान की गई तथा उससे निपटने के लिए 38वीं बटालियन द्वारा विभिन्न सिविक एक्शन कार्यक्रमों के माध्यम से जिला राजनांदगांव में नक्सल प्रभावित इलाके के लोगों को मुख्य धारा से जोड़़ने का प्रयास किया गया। बटालियन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में अपनी जिम्मेदारी क्षेत्रों के गरीब आदिवासी छात्र-छात्राओं के कैरियर काउंसलिंग आयोजित करने के उपरांत 100 से अधिक विद्यार्थियों को सीएपीएफ में कांस्टेबलों जी.डी. के लिए एसएससी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा पास करने में मदद करना, CIPET के माध्यम से 155 छात्रों को नौकरी उपलब्ध कराना, होनहार एवं प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को विभिन्न खेलों हेतु कोचिंग तथा गरीब आदिवासी और भूमिहीन लोगों के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री स्कीम के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान कराना इत्यादि है।