किचन गार्डन व बाग़बानी कर कोरोना महामारी समय का करें सदुपयोग-डॉ. उपासना सिंह

ग्रेटर नोएडा,9 अप्रैल। सामाजिक संस्था ह्यूमन टच फ़ाउडेशन तथा ऑल इंडिया वुमन कॉंफ़रेंस अपने मार्ग दर्शन से प्ररित कर रही है कि देश में इस कठिन समय का सदुपयोग घर में रहकर सकारात्मक रुप से कैसे किया जाए। संस्था की अध्यक्ष डॉ. उपासना सिंह जो पर्यावरण विद् होने के साथ-सथ जैविक खेती के   प्रचार प्रसार में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।  उन्होंने बताया कि इस समय का सदुपयोग बाग़बानी करने में बिताना चाहिए। आज की परिस्थितियों  में सभी अपने घरों में बंद हैं तथा बहुत ख़ाली समय उनके पासहै जिस की वजह से बहुत तरह के मानसिक अवसाद भी पैदा होते हैं। सारे वक़्त टीवी देखते हुए गुज़ारने पर भी मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे समय में घर में बाग़बानी आपकी सेहत के लिये बेहद फ़ायदेमंद है।

कई शोधों में यह बात सामने आई है कि चुनौतीपूर्ण समय में बाग़बानी आपको स्वस्थ एवं तनाव मुक्त रखती है। इसका एक प्रमुख कारण है मिट्टी। बाग़बानी करते समय आप मिट्टी के संपर्क में होते हैं और मिट्टी दिमाग़ के लिए किसी एंटी डिप्रेशन दवाओं की तरह प्रभाव डालती है, जब आपके दिमाग़ में कई चीज़ें होती हैं आप ख़ुद को काफ़ी व्यस्त महसूस करते हैं और काफ़ी तनाव वह दबाव में भी होते हैं तब बाग़बानी से ना केवल डिप्रेशन दूर होता है, बल्कि आपकी उत्पादकता और कार्य क्षमता भी बढ़ती है इतना ही नहीं आप नींद न आने की समस्या से भी उबर पाते हैं इससे आपकी कलात्मकता में भी वृद्धि होती है। बाग़वानी सिर्फ़ मानसिक समस्याओं का निराकरण ही नहीं बल्कि आंतरिक रूप से ख़ुश रहने और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का भी बेहतरीन ज़रिया है। आज के मुश्किल दौर में कोरोना से लड़ने के लिए बाग़वानी आपके दर्द को कम करने में कारगर सिद्ध हो सकता है। इस कार्य में एक बार जुटाने के बाद आपको अपने समय का नहीं चलता और आप ख़ाली समय में ना केवल बोर होने से बच जाते हैं। बल्कि कुछ सर्जनात्मक भी करते हैं। संस्था का उद्देश्य है कि सभी अपने घरों में अपने उपयोग में आने वाली सब्ज़ियों को उगाने का प्रयास करें। जिनके घरों में जगह कम है वे गमलों में उगने वाली सब्ज़ी लगा सकते हैं। इस कार्य में संस्था की ओर से सभी प्रकार की जानकारी तथा मार्गदर्शन दिया जाता है।

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