-संस्थान में ट्रामा सेन्टर, डायलिसिस, एनआरसी व डीआईईसी होगा स्थापित
ग्रेटर नोएडा,28 दिसम्बर। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा का दौरा करने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के साथ जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के.के. गुप्ता के साथ राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान का निरीक्षण किया। सुरेश खन्ना व महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के.के गुप्ता, ग्रेनो औद्योगिक विकास प्राधिकरण, प्रबंधक (परियोजना) श्रीपाल भाटी को निदेशक डॉ. (ब्रिगे.) राकेश गुप्ता ने जानकारी दी कि 1 मई 2019 को एमसीआई से अनुमति उपरान्त 1 अगस्त 2019 से 100 एमबीबीएस छात्र की पढाई शुरू हो चुकी है तथा नवम्बर में एमसीआई द्वारा प्रथम नवीनीकरण हेतु निरीक्षण हो चुका है। निदेशक ने यह भी बताया कि वर्तमान में संस्थान का एकेडमिक भवन, लाइब्रेरी व छात्रावास गौतमबुद्ध नगर से लीज पर लिए गये भवनों में चल रहे हैं। एमसीआई के मानक अनुसार संस्थान को शीघ्र ही अपने कॉलेज व अन्य भवनों की आवश्यकता होगी। किन्तु शासन से बजट स्वीकृत न होने के कारण भवनों के निर्माण हेतु अस्पताल के निकट चिन्हित 56 एकड भूमि पर संकट के बादल छाये हैं। साथ ही संकाय सदस्यों को एसजीपीजीआई लखनऊ के समान वेतन दिलाये जाने हेतु अनुरोध किया। विधायक धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से उक्त भूमि जिम्स को आवंटित कराये जाने का अनुरोध किया था, जिसके सम्बंध में मुख्यमंत्री द्वारा प्राधिकरण को निर्देशित किया जा चुका है। इस दौरान सुरेश खन्ना ने प्रशासनिक भवन परिसर में वृक्षारोपड़ करने के उपरान्त संस्थान में नये बनाये गये 10 कमरों के प्राइवेट वार्ड का लोकार्पण किया। मंत्री ने अन्य वार्डों का निरीक्षण कर मरीजों को फल वितरित किये एवं संस्थान के बारे में फीडबैक लिया। समस्त संकाय सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि डॉक्टर अपनी क्षमता से ज्यादा मेहनत करते हैं मगर उनकी मेहनत दिखती नहीं है। जो डॉक्टर जितना अनुभवी होता है उसके अनुभव के साथ-साथ उसका काम भी बड़ता जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि डाक्टर्स को मरीज के साथ सहानुभूति व प्रेम से पेश आना चाहिये जिससे मरीज का मर्ज आधा हो जाता है। अन्त में जाते हुए उन्होंने कहा संस्थान के लिए भूमि, संकाय सदस्यों को केजीएमयू, लखनऊ के समान वेतन दिलावाया जायेगा तथा क्षेत्र की जनता की भलाई के लिए संस्थान में ट्रामा सेन्टर, डायलिसिस, एनआरसी व डीआईईसी भी स्थापित कराये जाने का आश्वासन दिया।