ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास में रमाबाई की जयंती मनाई गयी । जिसमें छात्राओं ने अतिउत्साह से भाग लिया और रमाबाई को पुष्प अर्पित किया । छात्रावास की छात्रा तेजस्विनी ने रमाबाई के जीवन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला तथा मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. प्रियंका सिंह ने रमाबाई को सबला नारी के रूप प्रस्तुत करते हुए कहा, “रमाबाई प्रेम, त्याग और करूणा की त्रिवेणी हैं । इन्होंने अपने इन तीन गुणों से एक सामान्य से पुरूष भीम को डॉ. भीमराव अम्बेड़कर बना दिया”। डॉ. आरती गौतम रमाबाई के जीवन को याद करते हुए अत्यंत भावुक हो गयीं । रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास की अभिरक्षिका डॉ. रेनू यादव ने छात्राओं को रमाबाई के जीवन-संघर्ष से विपरीत परिस्थितियों में धैर्य से काम लेने की सीख देते हुए कहा, “जिस तरह से रमाबाई ने एक के एक अपने चार बच्चों की मृत्यु को अपने आँखों के सामने देखा, अपने एक पुत्र की मृत्यु के समय धनाभाव के कारण कफन का इंतजाम भी न कर पायीं, यह अत्यंत हृदयविदारक स्थिति है । किंतु इन सभी परिस्थितियों के बावजूद भी वे टूटी नहीं, हिम्मत नहीं हारीं । विपरीत परिस्थितियों के सामने डटकर खड़ी रहीं और भीमराव राव अम्बेडकर की पत्नी होते हुए भी उनसे अलग अपनी एक पहचान बनायीं । हमें रमाबाई के जीवन से सहनशीलता और हिम्मत की प्रेरणा प्राप्त होती है” ।
इस अवसर पर इन्दू राणा, कोमल, शालू, सोनू तथा छात्रावास के समस्त स्टाफ एवं छात्राएँ उपस्थित रहीं और रमाबाई के जीवन से प्राप्त प्रेरणादायी मशाल को आगे बढ़ाने का संकल्प लीं ।