ग्रेटर नोएडा,5 मई। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान(जिम्स) में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में लगे स्वास्थ्य कर्मियों ने वेतन और सुविधाएं नहीं मिलने पर सोमवार की शाम को विरोध करने के बाद मंगलवार को सुबह विरोध प्रदर्शन किया और कई घंटे कार्य भी रोक दिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने आरोप लगाया कि कई स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना हो चुका है और जिम्स प्रशासन उसे छिपा रहा है। उनको निम्न गुणवत्ता की पीपीई किट और सर्जिकल ग्लब्स की जगह साधारण ग्लब्स देकर उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। बाद में प्रबंधन ने वेतन और बेहतर सुविधाओं का आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त कराया। मेडिकल स्टॉफ की मांग थी कि बहुत से स्टाफ को कार्य तो नर्सिंग का लिया जाता है लेकिन वेतन वार्ड ब्वाय का दिया जाता है। वहीं बहुत से कर्मियों का वेतन काट लिया गया है, उसे वापस किया जाए। उन्होंने सभी संविदा कर्मियों को स्थायी करने की मांग की है। आरोप है कि अस्पताल के छह स्वस्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित हो गए हैं, जिनका इसी अस्पताल में उपचार चल रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों को घटिया पीपीई किट दी जाती है। जिसमें पैर खुले रहते हैं। वहीं, सर्जिकल ग्लब्स की जगह साधारण ग्लब्स दिए जो हैं। एक गॉगल को तीन से अधिक बार सैनिटाइज कर उपयोग किया जाता है। इससे संक्रमण का खतरा बन जाता है। उन्होंने स्टॉफ की सुरक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था करने की मांग की। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के हित के लिए कार्य करने की बात कही और उनकी मांग पूरी होने का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म कराया। मंगलवार को स्वास्थ्य कर्मी कार्य रोककर अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इनमें सुबह ड्यूटी पर आने वाला स्टाफ और रात में ड्यूटी कर घर जाने वाला स्टाफ शामिल था। तीन से चार घंटे तक स्टॉफ अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करता रहा। ब्रिगेडियर डॉ राकेश कुमार गुप्ता, निदेशक जिम्स ने बताया कि अस्पताल में एक एजेंसी के माध्यम से कार्यरत पैरा मेडिकल स्टॉफ ने अपनी मांग को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। जिसके लिए संबंधित एजेंसी से बातचीत कर उनकी समस्या निवारण कराया जा रहा है। स्टॉफ अपने कार्य पर वापस लौट गए हैं।
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