जीबीयू में चल रहे इंडक्शन में वर्तमान कठिनाइयों से उबरने पर हुई चर्चा

जीबीयू में चल रहे इंडक्शन में वर्तमान कठिनाइयों से उबरने पर हुई चर्चा

ग्रेटर नोएडा,19 जून। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में नवागंतुक छात्रों के इंडक्शन कार्यक्रम दूसरे दिन के प्रथम सत्र में दो वक्ताओं के उद्बोधन हुए। पहले वक्ता प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलपति, अब्दुल कलाम टेक्निकल विश्वविद्यालय और प्रो. रविंद्र बांगड, पसिफ़िक यूनिवर्सिटी, राजस्थान से थे। दोनों के व्यक्तव्य मुख्य रूप से इंजीनिरिंग एवं मैनेजमेन्ट से रिलेटेड शिक्षा एवं प्रोफ़ेशन में आने वाली कठिनाइयों एवं उस से उबरने के तारीकों के इर्दगिरद ही घूम रही थी। बांगर ने इंजीनियरिंग और प्रबंधन के क्षेत्र में नौकरी के अवसरों के बारे में बात की। उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी कि एमबीए और इंजिनीरिंग की डिग्री लेने का फैसला क्यों किया गया। कोविड-19 ने कंपनियों के ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिसका दीर्घकालिक प्रभाव पर प्रभाव पड़ेगा। पिछले साल की भर्ती सुचारू प्रक्रिया थी, लेकिन इस साल कोविड ऑफर की संख्या को प्रभावित करेगा और वेतन की भी पेशकश करेगा। कोरोनोवायरस के कारण सभी स्थानीय और इनरनेशनल भर्तियां बेहद प्रभावित होंगी। कई कंपनियों ने पहले ही भर्ती प्रक्रिया को विफल कर दिया है, लेकिन फिर भी कुछ कंपनियां कम संख्या के लिए प्रस्ताव देंगी।  व्यावसायिक मंदी विकास की गति को कम करेगा। नए कौशल की महारत हमेशा पहचानी जाएगी। समर इंटर्नशिप एक कंपनी में प्रवेश करने के लिए एक अच्छा तरीका है क्योंकि भर्तीकर्ता आमतौर पर अंतिम भर्ती में बहुत कम समय के लिए नहीं चाहते हैं। उन्होंने उन कंपनियों का विवरण भी दिया जो महामारी के बावजूद 2021 को मार्च करने के लिए 2020 से पुनर्खरीद की पेशकश करने जा रही हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों पर धीमे धीमे का प्रभाव कम होगा और इसलिए नौकरी की बहुत सारी पेशकश उस श्रेणी में आ जाएगी। इंटेलिजेंस क्वेंटेंट कंपनियों के रिक्रूटमेंट प्रक्रिया का एक प्रमुख निर्धारक है। कंपनी बांगर ने बताया कि टीजी कोर इंजीनियरिंग सेक्टरों में टॉप मोस्ट जॉब में उछाल आएगा। मैनेजमेन्ट छात्रों के लिए शीर्ष नौकरियों उपलब्ध हो जाएगा। बिक्री, खुदरा, आतिथ्य, आईटी और बीएफएसआई भी बढ़ेगा। बड़ी कंपनियाँ जैसे विज्ञापन टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस, कागनाइजेन्ट आदि बहुत अधिक प्रभाव के बिना काम पर रखना जारी रखेंगी। प्रो. पाठक ने अश्म निहार नीति का समर्थन करने के लिए घर के निर्माण का समर्थन करने पर जोर दिया। उन्होंने शासन की आयात शोधन नीति की प्रशंसा की और राष्ट्र विकास में अपनी भूमिकाओं से अवगत कराया। दूसरे दिन के सत्र की शुरुआत इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनमोहन सिंह शिशोदिया ने की तत्पश्चात डॉ. प्रदीप तोमर ने कार्यक्रम की विषयवस्तु  एवं मुख्य वक्ता का परिचय कराया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अक्षय कुमार सिंह ने किया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. संदीप सिंह राणा द्वारा टेक्निकल सपोर्ट (मीटिंग मैनेजमेंट, यू टयूब स्ट्रीमिंग) की पूरी व्यवस्था गया।

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