जीबीयू में पीएचडी कामर्स व एमएसएमई के सहयोग से उद्यमिता पर संगोष्ठी आयोजित

जीबीयू में विशेषज्ञों ने बौद्धिक संपदा प्रणालियों के बारे में अपने विचारों को किया साझा

ग्रेटर नोएडा,22 जनवरी। गौतमबुध विश्वविद्यालय एवं पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से एवम् माइक्रो स्मॉल एण्ड मीडियम एंटरप्राइजेज मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में उद्यमिता पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस विशेष संगोष्ठी का उद्देश्य बौद्धिक संपदा अधिकार आईपीआर के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना था। आज की प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में अपने विचारों के रक्षा के बारे में उद्यमियों को जागरूक करना है। यह महसूस किया जाता है कि आईपीआर को उद्योग विशेष कार्य में सभी शिक्षाविदों और स्टार्टअप्स द्वारा अधिक समझ और ध्यान देने की आवश्यकता है। संगोष्ठी का सुभारंभ प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा कुलपति गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और पी. सेल्वम, निदेशक एमएसएमई भारत सरकार ने किया।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अनिल खैतान, भूतपूर्व अध्यक्ष पीएचडीसीसीआई थे, तथा प्रमुख वक्ता  राकेश कुमार, अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय एवम संस्थापक डीअसअल  लीगल, समीर नैयर, अध्यक्ष, एमएसएमई समिति,  डॉ.एच.पी. कुमार, सलाहकार पीएचडीसीसीआई और पूर्व अध्यक्ष एनएसआइसी, डी.पी. गोयल, सह-अध्यक्ष एमएसएमई समिति पीएचडीसीसीआई, एवं बच्चू सिंह कुलसचिव गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय जैसे गणमान्य लोगों ने अपने विचार साझा किए। प्रो. शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजन गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के अनुकूल माहौल बनाने के दृष्टिकोण का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा हमें एक दायरे से बाहर सोचने की जरूरत है, कुलपति ने पेटेंट के संदर्भ में भी बच्चों को अवगत कराते हुए कहा कि जब ज्ञान सार्वजनिक डोमेन पर प्रकाशित होता है तो इसे पेटेंट के लिए लागू नहीं किया जा सकता, पेटेंट के लिए उन्होंने जरूरी बातें बताएं जैसे नवीनता, अविष्कार शक्ति,तथा उद्योग की मूलभूत आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि संवेदी करण अभियानों की एक श्रृंखला में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय संगोष्ठी और व्याख्यान अपने छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर ला रहा है। इस आयोजन के मुख्य अतिथि अनिल खेतान, भूतपूर्व अध्यक्ष पीएचडीसीसीआई, थे। जिन्होंने बौद्धिक संपदा प्रणालियों के बारे में अपने विचारों को साझा किया जो वर्तमान उन्नति के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज ज्ञान आधारित अर्थव्यस्था में प्रतिस्पर्धी और प्रासंगिक बने रहने के लिए अनुसंधान और नवाचार करने की निरंतर आवश्यकता है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की आयोजक सदस्यों में से एक ने कहा कि उद्यमिता की दिशा में जीबीयू की पहल जल्द ही न केवल अच्छी तरह से वित्त पोषित होगी बल्कि अच्छी तरह से निर्देशित स्टार्टअप के रूप में फल देगी। इस अवसर पर डॉ. श्वेता आनंद, डॉ. संजय कुमार शर्मा, डॉ. शक्ति साही, डॉ. विनय कुमार लिटोरिया एवम् अभिनव शर्मा उपस्थित रहे।

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