अदिति बासु राय, प्रधानाचार्या
ग्रैड्स इंटरनेशनल स्कूल, ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा। पूरे विश्व में स्वास्थ की स्थिति, अब चिंता का विषय है। COVID – 19, H1N1, H1N5, आदि मानव जाति को किसी भी चीज़ से अधिक परेशान कर रहे हैं। मैंने असंख्य पोस्टों को ज्यादातर फॉरवर्ड के साथ साझा किया है, और आपमें से बहुत लोगों ने भी फॉरवर्ड किए हैं, कैसे स्वस्थ बनी रहें, मांसाहारी अहार, सूअर, चमगादड़ और चूहों से दूर रहें, आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार से कैसे Virus से जूझ सकते हैं। अब मैं आपको बताती हूं कि वायरस क्या हैं। वायरस प्रोकैरियोटिक (मतलब जो पूरा सजीव नहीं है) किंगडम मोनेरा से संबंधित हैं। वे जीवित और निर्जीव के बीच मे हैं। उनके पास सिंगल स्टैंड DNA या RNA है जिसमें कैप्सिड नामक प्रोटीन कोट का आवरण है। वे बहुत छोटे होते हैं और उन्हें इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के बिना नहीं देखा जा सकता है। जब वे शरीर के बाहर होते हैं तो वे निर्जीव की तरह व्यवहार करते हैं और वे धूल, हवा और पानी के साथ मिले रहते है। लेकिन जब वे जीवित शरीर के संपर्क में आते हैं, तो वे अपने बाहरी कैप्सिड को छोड़ देते हैं और कोशिका में खुद को मेजबान तंत्र के साथ मिला लेते हैं। तो एंटीबायोटिक दवाइयों से वायरस को मारना असंभव है। हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, जैसे इम्युनोग्लोबिन और डब्ल्यूबीसी, केवल उन्हें नष्ट कर सकते है। ऐसे असंख्य वायरस हैं जो हमारे शरीर की कोशिकाओं की सीमाओं पर हमारी सेनाओं की तरह हर रोज़ लड़ते हैं, जिनके बारे में हम जानते भी नहीं हैं। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली ज्यादातर जीतकर हमे स्वस्थ्य रखती है। अपने आप को वायरस से बचाने का सबसे अच्छा तरीका एक मजबूत प्रतिरक्षा, स्वच्छता और स्वच्छ आदतों का पालन करना हैं। मौसम परिवर्तन के दौरान वायरस अधिक सक्रिय होते हैं। इसलिए, उस दौरान अधिक सतर्क रहना बेहतर है। जैसे कि कहावत है कि एक शिक्षक हमेशा बच्चों के बारी में सोचते है। इसलिए, एक अनुभवी जीव विज्ञान शिक्षक होने के नाते, मैंने कुछ वैज्ञानिक जागरूकता फैलाने के लिए कोशिश की है। अंत में आप सभी को होली की शुभकामनाएँ देते हुए इस बार होली पानी के बिना खेलने के लिए अनुरोध करती हूं । कृपया बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए होली खेलिए।