डिजिटल युग का समाज पर प्रभाव व सस्टेनेबिलिटी एंड नेटवर्किंग की महत्ता पर हुई चर्चा
ग्रेटर नोएडा। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा ने 8 वें ए.आई.एम , ए.एम.ए सेठ फाउंडेशन डॉक्टोरल कंसोर्टियम एंड कॉन्फ्रेंस, 2020 का आयोजन किया, कार्यक्रम मे इंडस्ट्री के प्रख्यात लोगो ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस कंसोर्टियम और सम्मेलन का उद्देश्य ग्राहक अनुभव प्रबंधन के क्षेत्र में मौजूदा ज्ञान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से नए विचारों और दृष्टिकोणों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। क्रायक्रम का थीम था “इन्नोवेटिंग कस्टमर एक्सपीरियंस इन डिजिटल ऐज “। बिमटेक वैश्विक स्तर परगुणवत्ता अनुसंधान के लिए उचित वातावरण के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। डॉक्टोरल कंसोर्टियम कम से कम पांच महाद्वीपों और अधिक देशों के इंटरनेशनल फैकल्टीज के साथ- अपने अंतरंग आकार, अकादमिक समुदाय की बौद्धिक उदारता, प्रतिभागियों के बीच बातचीत, और कार्यक्रम के वास्तविक अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के कारण लोक प्रिय बन गया है। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया था, इसके बाद डायरेक्ट हरिवंश चतुर्वेदी ने अपने भाषण में विभिन्न प्रायोजक स्कूलों के प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया। उनके भाषण ने बिमटेक के दूरगामी विज़न को दोहराया जो महाद्वीपों में सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा देता है। डॉ. चतुर्वेदी ने कॉर्पोरेट वर्ड में उभरते हुई चुनौतियों, टेक्नॉलॉजीज और ग्राहकों की उभरती हुई नयी जरूरतों को कैसे पूरा किया जाये इसके बारे मे विचार साझा किये।
कंसोर्टियम एक बेहतरीन मंच है जहां पर अनेक महादीप के स्कॉलर्स आकर अपने विचार साझा करते है। उद्घाटन सत्र का प्रमुख आकर्षण मुख्य वक्ता प्रो. जगदीश सेठ, प्रो. परशुरामन, प्रो.बिट्ठल आर राव थे। प्रोफेसर जगदीश शेठ ने लोगों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सम्बोधित किया। उन्होंने डिजिटलऐज, इन्नोवेटिंग कस्टमर एक्सपीरियंस, सेलिंग एंड बाइंग बेहेवियर इन बी-टू-बी बिज़नेस पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया आज के दौर मे ऑनलाइन शॉपिंग, ऑन लाइन पेमेंट, सस्टेनेबिलिटी एंड नेटवर्किंग की महत्ता बताई। प्रोफेसर परशुरामन जो की आईआईटी मद्रास और आईआईएम अहमदाबाद के एलुमनाई रह चुके है ने डिजिटलयुग और समाज पर उसके प्रभाव के बारे मे विचार साझा किये और मार्केटकैबिलिटीज़ का कैसे कॉर्पोरेट सोशल एक्टिविटीज मे प्रयोग हो रहा है उसके बारे मे प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिनिधियों को विभिन्न विषयों पर जोड़ने की कोशिश की। अपने वक्तव्य में उन्होने स्वतंत्र देशो में शोध एवं अनुसन्धान पर प्रभाव को भी बताया। कंसोर्टियम के पहले ही दिनप्रतिनिधियों द्वारा सूचनात्मक और अत्यधिक ज्ञानवर्धक प्रेज़न्टेशंस दिए गए, जैसे- प्रोफेसर परशुरामन द्वारा प्रभावकारी योगदान करने के लिए प्रोग्रामिंग रिसर्च एंड पब्लिकेशन स्ट्रैटेजीज़ पर विचार, रसेलबेलक द्वारा गुणात्मक अनुसंधान विधियों, वर्नर रिनार्ट्ज द्वारा शीर्ष स्तरीय मार्केटिंग पत्रिकाओं में प्रकाशन। राजीव बत्रा द्वारा ” ऐमिंग फॉर बोथरि गौर एंड रेलेवंस”, भूषण दास और सोनजया गौर द्वारा ‘” कंस्यूमर बिहैवियर” और “स्ट्रेटेजी ” परशेफाली गुप्ता तथा के लीहेटेट ने प्रेज़न्टेशंस दिए।