मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर मामला दर्ज, पिछले 13 माह से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिये दर-दर भटक रहा था पीड़ित

तत्कालीन थाना प्रभारी व विवेचक पर आरोपियों से साठ-गांठ का लगाया आरोप:
रबूपुरा। करीब 13 महीने पहले हुए जानलेवा हमले के मामले में उच्चाधिकारियों व आयोग के आदेश के बाद मंगलवार को पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अनुसार नीलौनी गांव निवासी भारतपाल सिंह का आरोप है कि उसके पड़ोसी गांव मिर्जापुर निवासी कुछ लोगों ने वर्ष 2011 में फर्जीवाड़ा कर उनके प्लाट को बेचने को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने आरोपियो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोप है कुछ दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आकर उक्त लोगो ने प्लाट को कब्जाने का प्रयास किया था। इसी रंजिश के चलते कई बार पीड़ित के घर मे घुसकर मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया था तथा गत 23 सितम्बर 2019 की करीब रात 11 बजे मिर्जापुर गांव निवासी नितिन, मनोज, पप्पू उर्फ राजेश व धर्मेंद्र ने हथियारों से लैस होकर पीड़ित के भाई मोनू व चचेरे भाई दिनेश पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग की थी। घटना में दोनों युवकों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई थी। फायरिंग की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों को आता देख आरोपी मौके से फरार हो गए थे। समूची घटना पीड़ित के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई थी। आरोप है कि, पीड़ित ने स्थानीय पुलिस से लेकर उच्चाधिकारियों से घटना की शिकायत की। आरपो है बावजूद इसके तत्कालीन थाना प्रभारी विनीत कुमार व घटना के विवेचना कर रहे दरोगा ने आरोपियों से साठ गांठ कर पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज नही की तथा अधिकारियों को गलत रिपोर्ट प्रेषित कर मामले को दबाने का प्रयास किया जाता रहा। घटना के करीब 13 महीने बाद मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप व डीसीपी राजेश सिंह के आदेश पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की है।

Spread the love