राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के वेबिनार में शामिल हुए प्रदेश के शिक्षामंत्री, शिक्षा के वर्तमान व भविष्य पर की चर्चा

राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के वेबिनार में शामिल हुए प्रदेश के शिक्षामंत्री, शिक्षा के वर्तमान व भविष्य पर की चर्चा

ग्रेटर नोएडा,22 मार्च। राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के द्वारा कोविड-19 और शिक्षा की भावी दिशा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर एक लाइव वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के मुख्य अतिथि के रूप में दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम उत्तर-प्रदेश व प्रो.जी.सी.त्रिपाठी राज्य उच्च शिक्षा परिषद उत्तर-प्रदेश ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। यू.पी. उच्च शिक्षा विभाग की सचिव मोनिका गर्ग वेबिनार की आयोजक थी।

राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के वेबिनार में शामिल हुए प्रदेश के शिक्षामंत्री, शिक्षा के वर्तमान व भविष्य पर की चर्चा

वेबिनार में प्रमुख राज्य और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति और प्रधान संस्थानों के प्रतिष्ठित प्रोफेसर और प्राध्यापक एवमं प्रख्यात वक्ता शामिल थे। जिनके द्वारा शिक्षा के वर्तमान और भविष्य के बारे में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। गलगोटियाज यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. प्रीति बजाज को वेबिनार के लिए स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया गया और उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों के संघ का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने आईसीटी आधारित और ऑनलाइन सीखने की पुरजोर वकालत की और विशेष रूप से आईटी बुनियादी ढांचे वाले विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को ऑनलाइन डिग्री देने की अनुमति प्रदान करने का प्रस्ताव रखा। सामाजिक गड़बड़ी और लॉजिस्टिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए यह ऑनलाइन डिग्री को अपनाने के लिए विशेष अनुरोध किया। उन्होंने सामाजिक दूरदर्शिता और शिक्षण नैतिकता पर पाठ्यक्रम चलाने का भी प्रस्ताव रखा।

राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के वेबिनार में शामिल हुए प्रदेश के शिक्षामंत्री, शिक्षा के वर्तमान व भविष्य पर की चर्चा

डॉ. प्रिति बजाज ने विश्वविद्यालय के अनिवार्य विषयों और कई सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन के उपयोग के माध्यम से प्रौद्योगिकी प्रदान करने में गलगोटियाज विश्वविद्यालय के उन प्रयासों की चर्चा की जो शिक्षण और सीखने के लिए उपलब्ध हैं। सभी संकाय सदस्यों को ऑनलाइन शिक्षण पर अनिवार्य एफडीपी के प्रस्ताव को रखते हुए कहा कि पुस्तकालय शिक्षा और राज्य सरकार की रीढ़ है। डिजिटलाइजेशन में पहल करने के लिए विस्तार से वीडियो लेक्चर शिक्षा का महत्वपूर्ण स्तंभ बन जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी शिक्षण, शिक्षण प्रक्रियाओं का सबसे बड़ा मध्यस्थ बन सकता है। गुरूकुल तकनीक की मध्यस्थता वाली शिक्षा को उत्तम  शिक्षा कहा जा सकता है। गुरूकुल पारंपरिक और दूरस्थ शिक्षा, ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम, बुनियादी इंफ्रासट्रकचर, छात्र के शिक्षक, व्यवस्थापक और उद्योग में बुनियादी ढांचे पर खर्च जैसे बीस सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा की चर्चा की।

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