वायुमंडलीय प्रक्रियाओं में डाटा एनालिटिक्स से नवोन्मेष की  अपार संभावनाएं हैं – डॉ त्यागी  

वायुमंडलीय प्रक्रियाओं में डाटा एनालिटिक्स से नवोन्मेष की  अपार संभावनाएं हैं - डॉ त्यागी  
ग्रेटर नोएडा,6 जून। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के अनुप्रयुक्त गणित विभाग द्वारा वायुमंडलीय प्रक्रियाओं और कम्प्यूटेशनल गणित के अनुप्रयोग पर साप्ताहिक वेबिनार सीरीज आज प्रारंभ हुआ|  इस सीरीज का  आयोजन गणित विभाग एवं भारतीय मौसम विज्ञान सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान ने किया गया।   प्रोफेसर एनपी मेलकानियां ने अपने  स्वागत भाषण में मौसम विज्ञान और कोविड-19 के प्रभाव  के फलस्वरूप पर्यावरण में हो रहे विभिन्न परिवर्तनों पर अपनी चिंता व्यक्त की।  कार्यक्रम के कन्वीनर डॉ सुशील कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा का विस्तृत रूप सामने रखा।
यह कार्यक्रम 5 जून से 20 जून तक चलेगा जिसमें कई सम्मानित हस्तियों के लेक्चर होंगे और शोधार्थी अपने शोध प्रस्तुत करेंगे, यह पूरा कार्यक्रम ऑनलाइन ही रहेगा। डॉ आशीष राउत्रे ने भारतीय मौसम विज्ञान सस्थां के कामों से अवगत कराया| कार्यक्रम कन्वीनर डॉ अमित कुमार अवस्थी ने बताया कि वर्कशाप में लगभग 500 प्रतिभागी शामिल हुए हैं यह अपने आप में एक अद्भुत संगम है जो कि सामान्य रूप से इतने प्रतिभागियों के साथ वेबीनार वर्कशॉप करना संभव नहीं हो पता। कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने  बताया कि डाटा एनालिटिक्स ऐसा क्षेत्र  है जिसके प्रयोग से मौसम अनुमान मैं कई सारे नवाचार की संभावनाएं हैं। प्रोफेसर  शर्मा ने बताया वायुमंडल विज्ञान अन्तः विषय  क्षेत्र है इसमें बहुत सारे विभाग गणित विभाग, रसायन विभाग, मौसम विभाग, एवं अन्य कंप्यूटर साइंस के लिए बहुत अवसर  है।  इस तरह का ज्ञान बहुत आवश्यक है उन घटनाओं से बचने के लिए जिन घटनाओं से विनाशकारी स्थितियां उत्पन्न होती हैं जैसे कि भूकंप आना, तूफान आना –  इन सारी घटनाओं के बारे में सटीक पूर्वानुमान किया जा सकता है अगर संयुक्त रूप से कुछ नवीन मॉडल पेश किए जाए तो इस संभावना है कि कई सारी  सटीक भविष्यवाणियां की जा सकती हैं जिससे कि लोगों की जान  बचाई जा सकती है| कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ अजीत त्यागी ने मौसम परिवर्तन पर विस्तृत चर्चा की और कई सारे मुख्य  बिंदुओं पर अपनी चिंताएं व्यक्त की|  छात्रों के लिए बहुत मार्ग खुले हैं जो छात्र इस विधा में रिसर्च करना चाहते हैं शोध करना चाहते हैं उनके लिए एक बेसिक टेक्नोलॉजी से अवगत कराया। डॉ त्यागी ने बताया इस क्षेत्र में बहुत सारे नवोन्मेष की संभावनाएं भी है|  अन्त में डाॅ अवस्थी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित  किया।   इस बेव श्रंखला का  द्वितीय दिन दो सत्र में आयोजित हुआ इसमें पहले सत्र का संयोजन प्रोफेसर पी वीएस राजू द्वारा किया गया,  इस सत्र में सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान से आये  प्रो सोमेश्वर दास ने खतरनाक मौसम के संबंध में विभिन्न वर्गीकरण सामने रखें एवं इनके समाधान के लिए कंप्यूटेशनल मैथमेटिक्स के योगदान पर चर्चा की। डॉ आशीष रॉउत्रे एवं डॉ अभिजीत सरकार ने मौसम विज्ञानं के अन्य पहलुओं पर प्रकाश डाला| इन मौसम वैज्ञानिकों ने  आंकिक  मौसम अनुमान के लिए विभिन्न गणितीय मॉडल का अध्ययन सामने रखा | डॉ रॉउत्रे ने  बताया आंकिक  गणित द्वारा मौसम अनुमान में कई नवाचार के आ सकते हैं।  इस श्रंखला के द्वितीय सत्र में सत्र का संयोजन  डॉक्टर जग बंधु पांडा  द्वारा किया गया|  इस सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधार्थियों द्वारा शोध प्रस्तुत किए गए।
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