ग्रेटर नोएडा,3 जनवरी। शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग द्वारा राइनो और ग्रासहॉपर का उपयोग करके पैरामीट्रिक डिज़ाइन पर संकाय विकास कार्यक्रम और मूल्य वर्धन पर बारह दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया। इस कार्यशाला में शारदा विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर विभाग के संकायों के साथ आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने वाले तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ष के छात्र और छात्राएं देश विदेश से आये वक्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों से नई टेक्नोलॉजी और निरंतर हो रही खोजो से रूबरू हुए। आर्किटेक्चरल एसोसिएशन, लंदन से आई आरपी माहेश्वरी, सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी अहमदाबाद से जिनल शाह और पारूल चौहान कार्यशाला में भाग ले रहे संकायों और विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि के साथ वास्तुकला के क्षेत्र में हो रही। नई टेक्नोलॉजी के बारे में भी अपना अनुभव साँझा किये। इस कार्यशाला में तीनों वक्ताओं ने छात्रों को कम्प्यूटेशनल डिजाइन सिद्धांत, एल्गोरिथम डिजाइन प्रक्रिया, जटिल ज्यामितीय और डिजिटल निर्माण तकनीकों सहित व्याख्यान और डिजाइन स्टूडियो की एक श्रृंखला कसाथ कम्प्यूटेशन के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया गया। शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग के डीन और इस कार्यशाला के संयोजक प्रोफेसर रुपिंदर सिंह ने बताया कि यह एक आउटपुट आधारित वर्कशॉप है जिसमें छात्र राइनो और ग्रासहॉपर सॉफ्टवेयर और लेजरकटिंग मशीन के माध्यम से आउटपुट का उपयोग कर फैब्रिकेट मॉडल पर काम करेंगे। शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग की प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शिल्पी सिन्हा ने बताया कि पैरामीट्रिक डिज़ाइन में एक प्रतिमान है जहां विभिन्न मापदंडों के बीच संबंध का पता लगाया जाता है और एक गतिशील रूप उत्पन्न करने के लिए परिभाषित किया जाता है जो उपयोगकर्ता की विभिन्न आवश्यकताओं का जवाब दे सकता है। शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के संकाय और इस कार्यशाला के आयोजक सतविंदर सिंह वालिया ने बताया कि इस पाठ्यक्रम में छात्रों को एक परिभाषित संदर्भ के भीतर सार्वजनिक बैठने की रूपरेखा तैयार करने के लिए विभिन्न डिजिटल निर्माण तकनीकों के डिजाइन और अनुप्रयोग के पैरामीट्रिक टूल का पता लगाने एवं डिजाइन के रूप और संरचना को प्रभावित करने वाले विभिन्न मापदंडों को समझने में मदद मिलेगी।