एपीजे स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग में जलवायु परिवर्तन पर हुई चर्चा

एपीजे स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग में जलवायु परिवर्तन पर हुई चर्चा

-निति आयोग के राजीव कुमार रहे समारोह के मुख्य अतिथि
ग्रेटर नोएडा। एपीजे स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग में हाल ही में दो दिवसीय एपीजे फेस्टिवल ऑफ़ आइडिआस बाय इग्नाइटेड माइंडस समारोह का तृतीया संस्करण का समापन किया गया। यह समारोह मौजूदा दौर में हो रहे जलवायु परिवर्तन को मद्दे नज़र रखते हुए वास्तु और निर्माण कला सम्बन्धी नै जानकारियों के साथ बच्चों को रूबरू करने की उद्देश्य से किया गया था। इस वर्चुअल समारोह में दिल्ली-इनसीआर के करीब 1500 छात्र-छात्राएं भाग लिए थे। कार्यक्रम के उदघाटन एपीजे एजुकेशन समूह के चेयर पर्सन सुश्री सुषमा पॉल बर्लिआ के द्वारा किया गया था जिसमें निति आयोग के उपाध्याख्या और मुख्य वक्ता डॉ राजीव कुमार मुख्य अतिथि थे।
इस समारोह में कलाम केंद्र के संस्थापक सृजन पाल सिंह ने भी विशेष वार्ता की। समारोह का उदघाटन करते हुए सुषमा पॉल बर्लिआ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हम सभी के जीवन को कहीं न कहीं प्रभावित कर रहा है। आने वाला दिनों में यह और भी ज़्यादा विकत रूप ले सकती है। हमें एक धरा प्रवाह तरीके से इससे जूझने के लिए काम करना पड़ेगा। “आप लोग अपने आप को सिर्फ कोई भवन और महल आदि के निर्माण करता के हिसाब से न देखे बल्कि सहर के अर्थनीतिक सरंचना के निर्माता के रूप से देखें। चूँकि भारत सरकार 100 स्मार्ट सिटी के निर्माण कर रही है, आप लोगों के लिए अपार सम्भवनाएँ हैं,”वहीँ आर्किटेक्चर के पढ़ाई करते हुए बच्चों को सम्बोधित करते हुए डॉ. राजीव कुमार ने कहा। इस दो दिन के समारोह के दौरना छात्र-छात्रों के लिए निबंध प्रतियोगिता, कंप्यूटर प्रतियोगिता, फोटोग्राफी प्रतियोगिता डि.आई. वाई. कुइज़ जैसे कई प्रतियोगिताएं का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मुलभुबत तौर पर एपीजे कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के निर्देशक विवेक सभरवाल की थी।
एपीजे स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग ने जलवायु परिवर्तन के चुनौतियों से जूझने के लिए अपने छात्रों को विशेष रूप से प्रशिक्षा देते आ रही है। यह संस्थान इस क्षेत्र में काम करने का अपने प्रतिबद्धता जताई है।

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