ग्रेटर नोएडा। अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर नैसकॉम फाऊंडेशन और नैसकॉम एसएमई काउंसिल ने लघु और मध्यम उद्योगों को उनके सामाजिक दायित्व की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की है। समाज के पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए यह संयुक्त प्रयास कुछ श्रेष्ठ टेक एसएमई के साथ मिलकर किया जा रहा है, जिससे इन युवाओं के तकनीकी कौशल और रोजगार के अवसरों में सुधार हो। इस पहल की शुरुआत आज नोएडा में हुई और साथ ही साथ हुबली और त्रिवेंद्रम में भी इसे शुरू किया गया है। इस रणनीतिक समझौते के तहत तीन शहरों के 120 युवाओं को उभरती तकनीक को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस समग्र ट्रेनिंग में शॉर्ट टर्म कोर्स के माध्यम से पाइथन और डाटा एनालिटिक्स, समग्र व्यक्तित्व विकास, और उद्योगों के लिए जरूरी सर्टिफिकेशन फ्यूचर स्किल्स प्राइम के माध्यम से करवाए जाएंगे, जिससे उनके लिए रोजगार के नए द्वार खुल सके। सफलतापूर्वक कोर्स समाप्त करने पर 50% युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में रोजगार के अवसर निश्चित तौर पर मिल सकेंगे। जिसमें इंटेग्रा के फाउंडर, मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ और नैसकॉम एसएमई काउंसिल के चेयरमैन श्रीराम सुब्रह्मण्य, नेटवेब सॉफ्टवेयर के सीईओ मौलिक भंसाली, ओएचआई के सीईओ प्रियंकर बेद, इनऐप के सीईओ और को-फाउंडर विजय कुमार, ट्रेंसर के सीईओ और को-फाउंडर जयचंद्रन नायर, एक्सएस कैड के डायरेक्टर अमित शाह और आईडीएस इन्फोटेक के फाउंडर और सीईओ प्रताप अग्रवाल शामिल है।
इंटेग्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर, फाउंडर ओर सीईओ श्रीराम सुब्रह्मण्य ने कहा कि, “किसी भी एसएमई के मुख्य व्यवसाय में सामाजिक दायित्व को समावेशित करना वाकई में चुनौतीपूर्ण होता है। इन परेशानियों को दूर करने के लिए जरूरी है कि एसएमई सामाजिक दायित्वों को अपने मुख्य व्यवसाय में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध रहे। मुझे बहुत प्रसन्नता है कि हमने अपने पहले ऐसे समूह की शुरुआत की है, जिसमें एक से ज्यादा उद्योग साथ आकर अपने सामाजिक दायित्वों के लक्ष्यों को पूरा कर रहे हैं, वो भी नैसकॉम फाऊंडेशन के साथ मिलकर। यह प्रयास अपने आप में अनोखा और मूल्यवान होने के साथ ही युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए एक शानदार वातावरण प्रदान करेगा, खासतौर पर पिछड़े समुदायों की लड़कियों के लिए, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, जिसके माध्यम से हम यह दिखा पा रहे हैं कि लघु और मध्यम उद्योग समाज पर एक सकारात्मक प्रभाव किस तरह से डाल सकते हैं।” लघु और मध्यम उद्योगों को सीएसआर लागू करने में आ रही परेशानियों को समझते हुए ही और इस दिशा में उनकी मदद करने के लिए ही नैसकॉम फाऊंडेशन ने यह समझौता किया है। दोनों के संयुक्त प्रयासों से न सिर्फ समाज पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, बल्कि इस एक प्रयास के लिए साथ आए अलग-अलग उद्योंगों के बीच भी एक स्वस्थ चर्चा होगी और सभी साथ मिलकर अपना लक्ष्य साध सकेंगे।