कोरोना की तीसरी लहर से बचना है तो हर अस्पताल में लगाने होंगे ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना की तीसरी लहर से बचना है तो हर अस्पताल में लगाने होंगे ऑक्सीजन प्लांट


-पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के जरिए हवा से बनती है मेडिकल ऑक्सीजन

-पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स पर आईएमए के एक्सपर्ट 17 जुलाई को कर रहे हैं एक वेबिनार

-दूसरी लहर में रेलवे ने पहुंचाई करीब 35000 मिट्रिक टन ऑक्सीजन

-पीएम फंड से भी देश में लगाए जा रहे हैं 1213 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट

-ऑक्सीजन की कमी से कितनी हुई मौते इस पर चल रही है जांच

नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर से अगर लोगों की जिंदगी बचानी है तो सभी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने होंगे। पीएसए ऑक्सीजन प्लांट हवा से ऑक्सीजन बनाने का काम करते हैं। देश में ऑक्सीजन की कितनी कमी है, इसे कैसे दूर किया जाए और लोगों की जिंदगी को कैसे बचाया जाए इन सारे विषयों पर आईएमए के डॉक्टर, एक्सपर्टस और फ्यूचरेक्स ट्रेड फेयर एंड इवेंट्स मिलकर 17 जुलाई को एक वेबिनार करने जा रहे हैं। कोरोना के समय भी 100 से ज्यादा ऐसे वेबिनार किए गए थे। दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन के लिए बदहवास इधर से उधर भटकना पड़ा था, देश के तमाम अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण सैंकड़ों लोगों ने दम तोड़ दिया था। हालांकि राज्य सरकारें इसका आकलन कर रहीं हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कितने लोगों की मौतें हुईं हैं। ऐसी नौबत कोरोना की तीसरी लहर में ना आए इस पर अभी से तैयारी शुरू करनी होगी।
इन्हीं सारे विषयों को लेकर होने वाले वेबिनार में इंडियन मेडिकल असोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. डॉ. जे ए जयलाल, आईएमए अस्पताल बोर्ड ऑफ इंडिया के नैशनल सेक्रेटरी डॉ़. मंगेश पाटे, जापान एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के सलाहकार डॉ़. प्रांजल कुमार फुकान, आईआईटी मुंबई के मेकेनिकल इंजीनयरिंग डिपार्टमेंट के डीन प्रो. डॉ़. मिलिंद डी अत्रे, फ्यूचरेक्स ट्रेड फेयर एंड इवेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रेम अनवेषी व इमामिया चेंम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के फाउंडिंग एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट एम. क्यू. सैयद मिलकर एक रोड मैप तैयार करेंगे।
इन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन ना होने के कारण लोगों की जान गई। हालांकि इस दिशा में रेलवे ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अब तक 35000 मिट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई ट्रेनों के जरिए देश के अलग अलग हिस्सों में की जा चुकी है। चूंकि अधिकतर ऑक्सीजन प्लांट्स पूर्व और दक्षिण भारत में थे इसलिए ट्रेनों को पहुंचने में कई दिन का समय लगा। लिहाजा अस्पतालों के अंदर ही अगर पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बनाए जाएं तो मरीजों को 24 घंटे हाई प्रेशर पर मेडिकल ऑक्सीजन मिल सकेगी और उन्हें कोरोना से बचाने में मदद मिलेगी।
इस दिशा में केंद्र सरकार भी कई कदम उठा रही है। पीएम केयर्स फंड से पूरे देश में 1213 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम किया जा रहा है। जुलाई महीने तक इन प्लांट्स को लगाने का टारगेट रखा हुआ है, लेकिन जिस तरह से कोरोना ने दूसरी लहर में तबाही मचाई है और कोरोना का डेल्टा पल्स नया वायरस आ रहा है उसे देखते हुए हर अस्पताल में प्लांट लगाने होंगे।

Spread the love