राणव ने साधू का वेश धारण कर सीता का किया हरण

ग्रेटर नोएड। श्री रामलीला कमेटी साइट-4 में रामलीला से पूर्व गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर देश भगति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया व कमेटी द्वारा स्वच्छ भारत की झांकी भी बनाई गई साफ सफाई का सन्देश भी दिया गया। लीला मंचन गणेश वंदना से प्रारम्भ हुआ अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री सांसद डॉ महेश शर्मा  ने दीप  प्रज्जलित किया। रामलीला मंचन प्रारंभ हुआ जिसमें श्री राम अपनी पत्नी सीता और अनुज भ्राता लक्ष्मण संग चित्रकूट से आगे चलते हैं और मार्ग में ऋषि अगस्त से उनकी मुलाकात हुई ऋषि अगस्त उन्हें पंचवटी का मार्ग बताते हैं तीनों पंचवटी में पहुँचते हैं पंचवटी में नारद सूपर्णखा सम्वाद होता है तब सूपर्णखा श्री राम से विवाह करने का प्रस्ताव उनके समक्ष रखती है और लक्ष्मण जी द्वारा उसकी नाक काटी जाती है तब वह खर दूषण के पास जाती है, खर दूषण भी मारे जाते हैं फिर वह रावण के पास जाती है तब रावण मारीच को मनाकर उसे स्वर्ण मृग के रूप में ले जाकर और स्वयं साधु के वेश में जाकर  सीता का हरण कर लेता है। माता सीता की रक्षा को जटायु आता है रावण के हाथों जटायु घायल हो जाता है तब श्री राम सीता के वियोग में रोते बिलखते हैं और वन वन सीता की खोज करते हैं कभी खग मृग से पूछते हैं तो कभी पेड़ पौधों से सीता के बारे में पूछते हैं। सीता जी को खोजते खोजते घायल जटायु से उनकी मुलाकात होती हैं जटायु उन्हें बताता हैं कि रावण सीता का हरण करके ले गया हैं और जटायु अपने प्राण त्याग देते हैं, जटायु उद्धार होता हैं और आरती के साथ रामलीला का समापन होता हैं। महासचिव बिजेन्द्र सिंह आर्य ने बताया  सोमवार को नारद सुपर्णखा संवाद , सीता हरण , राम वियोग , जटायु मरण आदि लीलाओ का मंचन होगा। इस अवसर पर अध्यक्ष  मनजीत सिंह  बिजेन्द्र  सिंह आर्य मनोज गर्ग सौरभ बंसल विनोद कसाना ओमप्रकाश अग्रवाल  कुलदीप शर्मा  आदि सदस्य उपस्थित रहे।

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