गांधी जयंती के साथ बिमटेक का मनाया गया स्थापना दिवस, शोधार्थियों को सम्मान के साथ नाट्य का हुआ मंचन

BIMTEC's foundation day celebrated with Gandhi Jayanti, theatrical performances with respect to researchers

ग्रेटर नोएडा। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) का स्थापना दिवस गांधी जयंती के दिन होता है, संस्थान ने अपना 35वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया, जिसमें नाट्य प्रस्तुति के साथ कई कार्यक्रम आयोजित हुए। स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि जी.एन.बाजपेई, पूर्व चेयरमैन सेबी एवं एलआईसी मुंबई, डॉ. एच. चतुर्वेदी,निदेशक बिमटेक, अनुपम वर्मा उप निदेशक प्रो सलोनी सिन्हा, (मेंटर-मजलिस) ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की की गई। बिमटेक के निदेशक डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी ने कहा आज का दिन हमारे संस्थापकों और संरक्षकों, स्वर्गीय बसंत कुमार बिड़ला और सरला बिड़ला को याद करने का भी है, जो गांधीवादी विचारों और ज्ञान के बहुत करीब थे। बिड़ला समूह के संस्थापक, स्वर्गीय डी बिड़ला  महात्मा गांधी के करीबी शिष्य और पारिवारिक मित्र रहे हैं। 1942 में महात्मा गांधी ने हमारे संस्थापकों के विवाह की व्यवस्था अपने वर्धा आश्रम में की। हमारे संस्थापकों ने हमें “मूल्यों के साथ उत्कृष्टता” का आदर्श वाक्य दिया, जो हमारे लोगो का भी एक अभिन्न अंग है, और हम हमेशा अपने विचारों और जीवन में इसका पालन करने का प्रयास करते हैं।

इस महत्वपूर्ण दिन पर हमारे मुख्य अतिथि बनने के लिए समय निकालने के लिए मैं श्री जीएन बाजपेयी जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। इस महत्वपूर्ण विषय पर आपके विचार जानने के लिए हम सभी उत्साहित हैं। और अब डॉ मीरा कपूर को, आज की एंकर पर्सन। उन्होंने भजन का अर्थ समझाया “वैष्णव जन तो तेने कहिये” यह है कि “आप एक अच्छे इंसान तभी होते हैं जब आपको दूसरों के दर्द का एहसास होता है”। बापू ने हमेशा हमें दूसरों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति रखना सिखाया। हमारे संरक्षक और बिमटेक के संस्थापक बसंत कुमार बिड़ला और श्रीमती सरला बिड़ला गांधीवादी विचारों और ज्ञान के बहुत करीब थे। हमारे संस्थापकों ने हमें का एक आदर्श वाक्य दिया था “उत्कृष्टता मूल्यों के साथ” जो हमार मूलमंत्र का भी एक हिस्सा है और हम हमेशा इसे अपने विचारों और जीवन में पालन करने का प्रयास करते हैं। यह हमारा मूल्य उद्धरण है और इसमें नवाचार और उद्यमिता के प्रमुख मूल्य हैं।

मुख्य अतिथि जी.एन.बाजपाई ने महात्मा गांधी जी एवं बसंत कुमार बिरला को  श्रद्धांजलि अर्पित की, उन्होंने यजुर्वेद से प्राप्त होने वाले मूल्यों के बारे में बात की। इसके पश्चात उन्होंने  डोग्मा, रे सेमसन, एडम स्मिथ , जेम्सन एवं  मेकलेसन  द्वारा प्रस्तुत मूल्यों के बारे में बात की। ईएसजी स्कोर किसी दिए गए कंपनी, फंड, या पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) के मुद्दों के संबंध में सुरक्षा के प्रदर्शन का एक उद्देश्य माप या मूल्यांकन है। उनके भाषण का मुख्य केंद्र निगमित(CORPORATE )सामाजिक जिम्मेदारी , पर्यावरण संगरक्षण आदि रहा , साथ ही युवाओ को बदलते तकनीकों के साथ बेहतर तरीके से सामजस्य बनाने के लिए अपनी कौशल व प्रतिभाओं पर निरंतर करए करते रहना चाहिए। इसके बाद प्रतिष्ठित बसंत कुमार बिड़ला के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया विद्वान पुरस्कार, 2021 जो- डॉसचिन  मंगला ,ओप जिंदल  ग्लोबल यूनिवर्सिटी, हरियाणा  डॉ शालिनी  तलवार  यसपि जे एम् आई आर ,  मुंबई, डॉ राजेश  क एम् दी आई  , गुडगाँव Best Research Award, 2021 से सम्मानित हुए- डॉ अर्चना  श्रीवास्तव  एसोसिएट  प्रोफेसर डॉ  फतह  उदीन असिस्टेंट  प्रोफेसर संस्था के स्तंभ, बिमटेक में दस साल पूरे करने वाले शिक्षकों औरकर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।

Best Teacher Award ,2021 -डॉ राहुल  सिंह,  प्रोफेसर डॉ मीणा  ,एसोसिएट  प्रोफेसर, प्रोफेसर  मोनिका  मित्तल,असिस्टेंट प्रोफेसर इसके उपरांत कुछ खास पुस्तक विमोचन हुए जो थी – ‘Women in Education & Work Life ‘  एवं   ‘Beyond the Beaten Path’

स्थापना दिवस के तहत बिमटेक ने 30 सितम्बर एंव  1 अक्टूबर को नुक्कड़ नाटक तथा प्ले का आयोजन किया था। 30 सितम्बर को को एक दिलचस्ब नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम से प्रारम्भ हुआ जो की दिल्ली  के नाट्य ग्रुप ‘अस्मिता थिएटर ग्रुप ‘  द्वारा प्रदर्शित किया गया| अस्मिता थिएटर द्वारा प्रदर्शित नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम ” नशा ” बहुत ही आकर्षक एवं मनोरंजक था। शाम को बिमटेक परिसर में समारोह आगे भी जारी रहा। शाम को प्ले हुआ। मोटेराम का सत्याग्रह हुआ। 1 अक्टूबर को भी बिमटेक द्वारा 2 नाटकों का आयोजन किआ गया जिसमे से एक थी मर्द जो की  एमजी रोड के सामने हुआ था | नाटक का विषय ” “मर्द को दर्द नहीं होता?” से हुआ,नाटक का मुख्य केंद्र मर्द व पुरुष की भावनाओ के लिए सारे समाज में उसकी प्रति बनी हुई भरांतियों रहा। शाम को बिमटेक परिसर में समारोह आगे भी जारी रहा | नाटक ‘जिस लाहौर नहीं देख्या’ प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम का समापन डॉ. अनुपम वर्मा, उप निदेशक, द्वारा पारंपरिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। डॉ हरिवंश चतुर्वेदी ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए गेस्ट ऑफ ऑनर जी.ऐन.बाजपाई  को धन्यवाद दिया।

 

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