एनआईईटी में ‘स्कूल ऑफ फ्यूचर स्किल्स’ तथा ‘एआईसीटीई-आइडिया लैब’ का हुआ शुभारम्भ

'School of Future Skills' and 'AICTE-Idea Lab' inaugurated at NIET

स्कूल ऑफ फ्यूचर स्किल्स एआईसीटीई आइडिया लैब से मिलेगी इन्नोवेशन में मील का पत्थर होगी साबित 

ग्रेटर नोएडा। एनआईईटी उत्तर प्रदेश का पहला निजी ऑटोनॉमस इंस्टीट्यूट है, एआईसीटीई आइडिया लैब तथा स्कूल ऑफ फ्यूचर स्किल्स का उदघाटन किया गया। साथ ही प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर एआईसीटीई के वाइस-चेयरमैन प्रो एम. पी. पुनिया मुख्य अतिथि, एआईसीटीई के मेम्बर सेक्रेटरी प्रो.राजीव कुमार, इंटेलेक्ट डिजाइन एरेना के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर  अरुण जैन, मंजू जैन, डॉ अंबु रथीनवेल, डॉ राम कृष्णन आर, रमन बत्रा-एग्ज़ीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट-एनआईईटी, डॉ. नीमा अग्रवाल-एएमडी- एनआईईटी, महानिदेशक प्रवीण सोनेजा, निदेशक प्रो. विनोद एम कापसे, डॉ. अविजित मजूमदर, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण तथा प्रथम वर्ष के विद्यार्थी उपस्थित रहे। निदेशक प्रो विनोद एम कापसे ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया संस्थान के बारे में नव प्रवेशित विद्यार्थियों को अवगत कराया। डॉ. अविजित मजूमदर-निदेशक-एनआईईटी फार्मेसी इंस्टीट्यूट ने विद्यार्थियों को संस्थान संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं।

'School of Future Skills' and 'AICTE-Idea Lab' inaugurated at NIET

संस्थान में एआईसीटीई आइडिया लैब तथा स्कूल ऑफ फ्यूचर स्किल्स का उदघाटन किया गया। एआईसीटीई आइडिया लैब में कोई भी व्यक्ति अपने आइडिया को लेकर आ सकता है तथा प्रोटोटाइप विकसित कर सकता है। यह लैब सभी के लिए सदैव उपलब्ध है। ‘स्कूल ऑफ फ्यूचर स्किल्स’ की स्थापना कौशल विकास के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। 21वीं सदी की स्किल्स जैसे कि, कम्यूनिकेशन, क्रिटिकल थिंकिंग, कोलाईबोरेशन, क्रिएटिविटी, डिजाइन थिंकिंग आदि को विकसित करने में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।

डिजाइन थिंकिंग के क्षेत्र की दिग्गज कंपनी  ‘इंटेलेक्ट डिजाइन एरेना’ के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण जैन ने विद्यार्थियों से अपने विज़न और सोच को विकसित करने की अपील की। उन्होने कहा कि आज का युग तकनीक का युग है और डिजाइन थिंकिंग के अनुप्रयोग के द्वारा ग्राहकों और उद्योग जगत की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।“

एआईसीटीई के मेम्बर सेक्रेटरी प्रो राजीव कुमार ने विद्यार्थियों को एआईसीटीई की विभिन्न योजनाओं जैसे कि छात्रवृत्ति, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए विशेष योजनाओं तथा अन्य लाभप्रद जान कारियाँ दीं। उन्होंने विद्यार्थियों से मेहनत से पढ़ाई करने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा ज़ोर लगाने की अपील की।

रमन बत्रा-एग्ज़ीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट-एनआईईटी ने विद्यार्थियों से सफलता के सूत्र साझा किए और कहा कि,” एनआईईटी अपने विद्यार्थियों की हर संभव मदद करता है जो उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए आवश्यक है। एनआईईटी में आपके स्किल डेव्लपमेंट तथा  समग्र विकास के लिए हर संसाधन उपलब्ध है। हमारा उद्देश्य अपने विद्यार्थियों को उद्योग जगत की नवीनतम मांगों के अनुरूप तैयार करना है और ऐसा करने में हम कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे।“

डॉ. नीमा अग्रवाल- एएमडी- एनआईईटी ने विद्यार्थियों से अच्छा इंसान बनने की अपील की और कहा कि एनआईईटी मैनेजमेंट और आपके शिक्षक आपके लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं। यह आपका परिवार है और परिवार की समृद्धि और विकास यहाँ के प्रत्येक सदस्य का कर्तव्य है।

'School of Future Skills' and 'AICTE-Idea Lab' inaugurated at NIET

एआईसीटीई के वाइस-चेयरमैन प्रो एम पी पुनिया (मुख्य अतिथि) ने अपने उद्बोधन से विद्यार्थियों में अभूतपूर्व ऊर्जा का संचार किया तथा उनका उत्साहवर्धन किया। प्रो. पुनिया ने कहा कि,”बदलते हुये युग में जहां अनेकों शिक्षण संस्थान केवल अपने शैक्षिक कार्यक्रमों पर ज़ोर दे रहे हैं वहीं मुझे यह देखकर अपार हर्ष हो रहा है कि किस प्रकार एनआईईटी इन्नोवेशन तथा फ्यूचर स्किल्स के माध्यम से भविष्य के सक्षम पेशेवर तैयार कर रहा है।“ उन्होने इस संदर्भ में एनआईईटी के प्रयासों की सराहना की और कहा कि, “मुझे समाज को संस्थान से बहुत अपेक्षाएँ हैं और मेरा विश्वास है कि संस्थान हमेशा की तरह इन अपेक्षाओं को पूरा करता रहेगा और विकास की कसौटी पर खरा उतरता रहेगा।“ प्रो पुनिया ने स्कूल ऑफ फ्यूचर स्किल्स और आइडिया लैब में प्रदर्शित किए गए प्रोजेक्ट्स के बारे में बड़ी उत्सुकता के साथ जानकारी ली तथा विद्यार्थी एवं शिक्षकों के सम्मिलित प्रयासों की सराहना की।

 

इस अवसर पर एनआईईटी ने अपने मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। एनआईईटी के पहले  डिजाइन थिंकिंग चैलेंज ‘सेग्वे’ के विजेताओं को को नगद पुरस्कार दिये गए। प्रथम पुरस्कार में विजेता टीम ‘मैवेंस’ को रु 25000 तथा रनर-अप टीम ‘मॉम्स केयर’ को रु 15000 का नगद पुरस्कार दिया गया।

 

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