एआरआईआईए-2020 रैंकिंग में एनआईईटी शीर्ष 50 संस्थानों शामिल, उपराष्ट्रपति व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

एआरआईआईए-2020 रैंकिंग में एनआईईटी शीर्ष 50 संस्थानों शामिल, उपराष्ट्रपति व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

ग्रेटर नोएडा,19 अगस्त। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायड़ू ने अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशंस ऑन इन्नोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए-2020) के घोषित परिणामों में एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा शीर्ष 50 संस्थानों में शामिल।  भारत के उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू तथा केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 18 अगस्त को एक ऑनलाइन समारोह में एआरआईआईए -2020 के परिणामों के घोषणा की,जिसमे एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा को देश के निजी उच्च शिक्षा संस्थानों की श्रेणी में शीर्ष 50 संस्थानों में स्थान मिला है। ‘अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशंस ऑन इन्नोवेशन अचीवमेंट्स’ शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार (पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्रालय) के इनोवेशन सेल द्वारा 2019 में शुरू की गई एक पहल है, जो शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों को मुख्य रूप से नवाचार से संबंधित सूचकों पर व्यवस्थित रूप से रैंक करती है। एआरआईआईए  के अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यक्रमों एवं गतिविधियों, नवाचार, स्टार्टअप तथा उद्यमिता, प्री-इनक्यूबेशन तथा इनक्यूबेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, नवाचार तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली सुविधाओं,  नवाचार तथा उद्यमिता संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक बजट व्यय, ‘नवाचार, बौद्धिक संपदा अधिकार एवं उद्यमिता विकास पर पाठ्यक्रमों’, सफल नवाचार एवं स्टार्टअप, तकनीक हस्तांतरण तथा व्यवसायीकरण एवं नवाचार तथा स्टार्टअप के लिए वित्त पोषण, जैसे मानकों के आधार पर शिक्षण संस्थानों/ विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है।

एनआईईटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष, रमन बत्रा ने नवाचार के क्षेत्र में भविष्य के विकास के लिए शिक्षण संस्थानों के दिशा-निर्देशन करने और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एआरआईआईए तथा शिक्षा मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रशस्ति एनआईईटी जैसे संस्थानों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा उन प्रयासों के लिए प्रेरित करती है जिससे हमारे युवाओं के जीवन को बदलने के लिए सतत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके और उन्हें नए विचारों, शोध और उद्यमशीलता की यात्रा की ओर प्रोत्साहित किया जा सके।

 

 

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