-योग एवं ध्यान की प्रक्रिया का अभ्यास करने पर ध्यान केंद्रित करने के उपायों पर चर्चा
ग्रेटर नोएडा,28 अप्रैल। गौतमबुद्ध विवि के मनोविज्ञान एवं मेंटल हेल्थ विभाग ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, सोनीपत ने के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर एक वेबिनार सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस विशेष व्याख्यान में 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह ऑनलाइन व्याख्यान मुख्य संरक्षक कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, जीबीयू, ग्रेटर नोएडा और संरक्षक प्रो. एम.एन. दोजा, निदेशक, आईआईआईटी सोनीपत एवं डॉ. नीती राणा, डीन, मानविकी और सामाजिक विज्ञान स्कूल, जीबीयू, ग्रेटर नोएडा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था।
डॉ. मुकेश मान, संकाय (सीएसई), आईआईआईटी सोनीपत इस व्याख्यान के संयोजक थे। उन्होंने वेबिनार के सभी संरक्षकों और अन्य प्रतिभागियों का स्वागत किया और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर एक दिन के इस ऑनलाइन व्याख्यान की शुरुआत की। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. आनंद प्रताप सिंह, विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य विभाग, जीबीयू से थे। डॉ. सिंह ने विशेष रूप से कोरोना और उसकी वजह से लाकडाउन में रह रहे लोगों में जो मानसिक विकार एवं स्वास्थ्य सम्बन्धित मुद्दों के कारणों पर चर्चा की। उन्होंने न केवल लॉकडाउन अवधि के दौरान, बल्कि जीवन की सामान्य परिस्थितियां में भी मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए क्या क्या किया जाना चाहिए, ऐसे विषयों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न सर्वश्रेष्ठ प्रणालियां के बारे में भी चर्चा की। साथ ही, मानसिक तंदुरुस्ती के लिए क्या किया जाना चाहिए और क्या नहीं किया जाना चाहिए, इस पर चर्चा की। डॉ. सिंह ने आगे अपने वक्तव्य में योग एवं ध्यान की प्रक्रिया का अभ्यास करने पर ध्यान केंद्रित करने के उपायों पर चर्चा की। इस बात पर क़ायदा बल दिया कि दिन भर शांत रहते हुए और समय का बेहतर उपयोग कैसे करें। वर्तमान में चल रही कोविड -19 के कारण क्वारंटाइन (अलगाव) की वर्तमान स्थिति जिसमें लोगों को अपेक्षाकृत अज्ञात मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, को देखते हुए इस व्याख्यान का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस वेबिनार के आखिरी सत्र में, डॉ. मान ने छात्रों और संकाय सदस्यों को लक्षित करते हुए, मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बेहतर ज्ञान साझा करने के लिए, इस तरह के अधिक से अधिक सम्बद्ध व्याख्यानों का लक्ष्य आगे भी करते रहने का आश्वास दिया।