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कोविड-19 से बचाव के किए एनआईईटी संस्थान आया आगे, विकसित किया फेसमास्क फेसशील्ड तथा कांटैक्टलेस रिस्टबैंड

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-जल्द ही मार्केट में  आएगा नॉयलॉन व कार्बन मिश्रित मास्क  

ग्रेटर नोएडा,4 मई। कोविड-19 महामारी के इस दौर में एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा ने इस बीमारी से बचाव के लिए प्रभावी बचाव उपकरण विकसित किए हैं। इन उपकरणों में फेसमास्क, फेस शील्ड तथा कांटेक्टलेस रिस्टबैंड शामिल है। इन सभी उपकरणों को संस्थान में स्थित पीटीसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की रिवर्स-इंजीनियरिंग तथा रैपिड-प्रोटोटाइपिंग प्रयोगशालाओं में थ्री डी. प्रिंटिंग तथा पीटीसी- क्रिओ सॉफ्टवेयर की सहायता से संस्थान के शिक्षकों के द्वारा निर्मित किया गया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” मिशन का समर्थन करता है। इन उपकरणों को तैयार करने के लिए नायलॉन-6 तथा पिसे हुए कार्बन फाइबर के मिश्रण से तैयार सामग्री जिसे “ओनिक्स” के नाम से जाना जाता है और वो तार की अवस्था में प्रयोग किया जाता है और इन्हे लंबे समय तक प्रयोग में लाया जा सकता है। उपकरणों के प्रोटोटाइप को मार्कफोर्ज्ड थ्री डी. प्रिंटर से फ्यूज्ड फिलामेंट फैब्रिकेशन (एफएफएफ) अथवा फ्यूज्ड डिपोजिशन मॉडलिंग (एफडीएम) के माध्यम से तैयार किया गया है।

एनआईईटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष रमन बत्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि जहां पूरा विश्व कोविड-19 से परेशान है, ऐसे में संस्थान के द्वारा विकसित यह उपकरण इस महामारी से बचाव की दिशा में प्रभावी एवं निर्णायक भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं। इन सभी उपकरणों की विशेषता यह है कि इन्हें सैनिटाइज करके पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है, जिससे इनके उपयोग की लागत को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। फेसमास्क के फिल्टर तथा फेसशील्ड की पॉलीकार्बोनेट या एसीटेट (सेल्यूलोस) शीट को आसानी से बदला जा सकता है, जो कि बाजार में आसानी से उपलब्ध भी है। इसी प्रकार कांटैक्टलेस रिस्टबैंड को केवल सैनिटाइज करने की आवश्यकता होगी। जहां एक ओर फेसमास्क तथा फेसशील्ड आंख, नाक एवं मुंह के द्वारा होने वाले संक्रमण को रोकने में सहायक होंगे। वहीं कांटेक्टलेस रिस्टबैंड के प्रयोग से हाथ से छुए जाने वाले दरवाजे के हैंडल, लिफ्ट के बटन, एटीएम आदि के स्पर्श से होने वाले संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है। रमन बत्रा ने आगे बताया कि एनआईईटी शिक्षा तथा उससे संबन्धित क्षेत्रों में सदैव ही इन्नोवेशन पर ज़ोर देता है। ऐसे में इन बचाव उपकरणों को विकसित कर एनआईईटी ने इन्नोवेशन के प्रति अपनी वचनबद्धता को प्रदर्शित किया है तथा कोविड-19 के इस कठिन समय में इस महामारी से बचाव की उम्मीद जगाई है।

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