ग्रीन हर्बल हेल्थ सेन्टर ने कोविड-19 इलाज में जड़ी बूटी से करने की मांग को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार को लिखा पत्र

-कोविड-19 से बचने हेतु अत्यन्त प्रभावशाली एवं बिना किसी हानि के ग्रीन हर्बल से इलाज संभव

ग्रेटर नोएडा,16 अप्रैल। ग्रीन हर्बल हैल्थ सैन्टर योजना उत्तर प्रदेश के निदेशक के.एन. सिंह ने जानकारी देते हुए अवगत कराया है कि कोविड-19 महामारी से ग्रीन हर्बल -हरी जड़ी-बूटियों से इलाज सम्भव है। उन्होंने इस विधि के सम्बन्ध में एक पत्र केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को  इसे जनहित में व्यापक प्रचार-प्रसार, मीडिया प्रचार, होडिंग, पर्चे छपवाकर समस्त वेबसाइट पर इलाज विधि को अपलोड कराकर मरीजों को इलाज देने हेतु अपने अधीनस्थ समस्त विभागों केन्द्र/राज्य सरकार एवं समस्त अस्पतालों (सरकारी निजी) में कराने के लिए लिखा है। हर्बल विधि से इलाज निम्न प्रकार है। जिसमें नंबर एक पर हजारों रोगों को ठीक करने एवं सॉप के जहर को पानी करने वाला एक-एक मुठ्ठी लटजीरा (अपामार्ग) (वनस्पति नाम-एकरेन्थस एस्परा) के पत्ते साफ पानी में धोकर सुबह खाली पेट व शाम को खाने के बाद चबाकर खायें। और 12 वर्ष की आयु वाले आधी खुराक खाये तथा पानी पियें। नंबर दो पर सफेद मदार वनस्पति नाम- कैलाटोपिस गिगेंटी) के हरे पत्ते का टुकड़ा हाथ की बीज उगली बराबर एक या 1/2 चम्मच त्रिफला चूर्ण के साथ पीसकर या चबाकर खायें। तीसरे नंबर पर तीन चार पूर्ण विकसित हरे पीपल के पत्ते (वनस्पति नान-फाइनल रैलिजिओसा) एक-एक लान्गम एल) को रोस्ट (भूनकर) चबाकर या पीसकर सुबह-शाम खायें।नंबर चार पर एक चम्मच कलौजी-प्याज के बीज (वनस्पति नाम- एलियम सेपा), एक-एक चम्मच सुबह-शाम खायें। नंबर पाँच पर 2-3 बूद सरसों का तेल नाक में सुबह-शाम डाले व मालिश करें। कृपया उक्त इलाज को बचाव के लिए इस्तेमाल करे एवं जिनको रोग हो गया हो उन्हें सफल इलाज के लिए इसको तत्काल सेवन कराया जाये। उक्त औषधियों को एक साथ चबाकर या पीसकर या सब मिलाकर कादा बनाकर सुबह-शाम पूरी मात्रा का सेवन किया जाये। और दिन में 5-6 बार 10-15 प्रतिशत कच्ची मात्रा में या 1-1 चम्मच इसी का काढा बनाकर पिया जाये व गर्म पानी हर घण्टे पर इसके सेवन के बाद पियें।

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