-भारत में आने वाले समय में मोबिलिटी सॉल्यूशन में हो सकता है सहायक
-दो सीटों वाली कार कोई इंजन नहीं, चलाने के लिए किसी ड्राइवर की भी जरूरत नहीं पडेगी
ग्रेटर नोएडा,6 फरवरी। भारत में बड़ती जनसंख्या के साथ सड़के-गलियां सब सकरी होती जा रही है, बड़े वाहनों के निकलने में परेशानी हो सकती है, ऐसे में छोटे वाहन लोगों के काफी सहायक हो सकते हैं। वर्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन, (डब्ल्यूयूडी) के विद्यार्थियों ने अपने मार्गदर्शकों के साथ मिलकर क्यू कार नाम से एक स्वायत्त कार डिजाइन की है, जिसे यहां चल रहे ऑटो एक्सपो 2020 में पेश किया गया। क्यू कार एक स्वायत्त कार है, जिसे भारतीय परिदृश्य के लिए भावी मोबिलिटी समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजाइन किया गया है। दो सीटों वाली इस कार में इंजन नहीं है और इसे चलाने के लिए किसी ड्राइवर की जरूरत नहीं पड़ती। यह एक कार की खूबी उपलब्ध कराएगी और प्रतिदिन कार्यालय, स्कूल और कॉलेज जाने वाले लोगों खासकर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह एक आदर्श और सुरक्षित परिवहन होगा। इस वाहन का नाम इसकी डिजाइन से प्रेरित है जोकि क्यू अक्षर के आकार में है और साथ ही इसे एक कतार (क्यू) में परिचालन में उतारा जाएगा मतलब जब सड़क पर सभी वाहन एक संगठित तरीके से चलेंगे तो यह चलेगा। इस अवसर पर वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन के कुलपति डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि हम विद्यार्थी केंद्रित पद्धति लेकर चलते हैं जो विद्यार्थियों की उद्योग के अनुभव से सीखने की क्षमता बढ़ाए। ऑटो एक्सपो विश्व के प्रमुख ऑटो शो में से एक है जहां रचनात्मक लोग वाहन की दुनिया में सर्वोत्तम प्रदर्शित करने के लिए एक साथ आते हैं। हमें ऑटो एक्सपो 2020 का हिस्सा बनकर खुशी है जहां वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन ने भारतीय परिदृश्य के लिए भावी मोबिलिटी सॉल्यूशन क्यू कार पेश किया है। इसकी प्रस्तुति न केवल इसकी अवधारणा के लिहाज से बल्कि भारत के पहले पूर्ण 3डी प्रिंटेड मॉडल के लिहाज से अनूठी है। यह कार एक वृहद परियोजना का कार्य प्रगति में है और अंतिम प्रोटोटाइप आने में और कुछ महीने लगेंगे।