ग्रेटर नोएडा, 5 जनवरी। परीचौक स्थित बिमटेक विद्या केंद्र पर नव वर्ष उत्सव समारोह आयोजित किया गया। बिमटेक विद्या केंद्र स्कूल का उद्घाटन एनएमआरसी के प्रबंध निदेशक आलोक टंडन ने बिमटेक के निदेशक हरिवंश चतुर्वेदी के साथ मिलकर किया था। संस्था की स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज में रहने वाले वंचित एवं कमजोर वर्ग के लोगो, गरीब परिवारों के बच्चों को बुनियादी और जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करना है, विशेषकर बंजारा समुदाय और प्रवासी मजदूरों से संबंधित वर्गों को ध्यान में रखते हुए इसकी स्थापना की गयी थी। बिमटेक विद्या केंद्र एक अनूठी पहल के रूप में कार्य कर रहा है जिसमें तीन श्रेणी में समाज में शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। सुबह के समय वंचित वर्ग एवं गरीब परिवार के वे बच्चे जो किसी कारणवश विद्यालय से शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाए उन्हें बुनयादी शिक्षा प्रदान की जाती है। दोपहर दो बजे के बाद तुगलपुर एवं इसके आस पास की बस्तियों में रहने वाले बच्चे बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण एवं साथ ही कक्षा 5 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थी कठिन विषयों जैसे इंग्लिश, गणित एवं विज्ञान आदि के लिए शिक्षा प्राप्त करने आते हैं। संस्थान में वर्तमान में लगभग 200 से अधिक बच्चे लाभ प्राप्त कर रहे है एवं 50 से अधिक विद्यार्थी कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सभी विद्यार्थियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं एवं उज्जवल भविष्य की कामना की गयी। कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए कई तरह के खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया एवं कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया। संस्था समय समय पर विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास हेतु इसी तरह कार्यक्रम का आयोजन करती आई है जिसके माध्यम से विद्यार्थियों का न सिर्फ शैक्षणिक विकास हो रहा है अपितुः उनके अंदर की प्रतिभा को भी कार्यक्रम के माध्यम निखारा जा रहा है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा सुन्दर सुन्दर गानों पर नृत्य एवं गाने की प्रस्तुतिया दी गयी। इसी दौरान बिमटेक में चल रहे तीन दिवसीय 8 वें अंतररास्ट्रीय डॉक्टरल कंसोर्सियम के सदस्यों ने भी संस्था का भ्रमण किया एवं संस्था द्वारा चलाये गए कार्यों को बारीकी से जाना एवं डांस भी किया। समारोह में बिमटेक विद्या केंद्र परिवार के सभी सदस्य रेनू सिंह, शुभम भदोरिया, मिथलेश कुमार, पूजा गौतम पौरुष, निशु, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ ऋषि तिवारी ने किया।